आर्थिक पैकेज की पांचवीं किस्त से गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी : मोदी
अंतिम प्रवक्ता, 17 मई, 2020। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार द्वारा घोषित आर्थिक प्रोत्साहन की पांचवीं और आखिरी किस्त से उद्यमशीलता को बढ़ावा मिलेगा, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को मदद मिलेगी और गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। उन्होंने यह भी कहा कि इसके भारत के स्वास्थ्य एवं शिक्षा क्षेत्र पर परिवर्तनकारी प्रभाव होंगे। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘राज्यों के विकास को भी इससे गति मिलेगी।’सरकार ने घोषणा की कि कर्ज न चुका पाने की स्थिति में एक साल तक कोई नई दिवालिया प्रक्रिया शुरू नहीं की जाएगी। उद्योगों पर कोविड-19 का बोझ कम करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। मोदी ने कहा, ‘वित्त मंत्री द्वारा घोषित उपाय और सुधारों का हमारे स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र पर परिवर्तनकारी प्रभाव होगा।’उन्होंने कहा, ‘इनसे उद्यमशीलता को बढ़ावा मिलेगा, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को मदद मिलेगी और गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।’आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की पांचवीं और आखिरी किस्त की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि घरों को लौट रहे प्रवासी मजदूरों को रोजगार के लिए मनरेगा के तहत 40,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया गया है। यह बजट में आवंटित 61,000 करोड़ रुपये की राशि के अतिरिक्त है। उन्होंने कहा कि इससे कुल मिलाकर 300 करोड़ व्यक्ति दिवस के बराबर रोजगार का सृजन होगा। राज्यों के लिये उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष (2020-21) के लिये राज्यों की कुल कर्ज उठाने की सीमा बढ़ा कर पांच प्रतिशत करने की घोषणा की। अभी तक वे राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के तीन प्रतिशत तक ही बाजार से कर्ज ले सकते थे। इस कदम से राज्यों को 4.28 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त धन उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि राज्यों के लिये कर्ज लेने की सीमा में की गयी वृद्धि विशिष्ट सुधारों से जुड़े होंगे। ये सुधार ‘एक देश-एक राशन कार्ड’ को अपनाने, कारोबार सुगमता, बिजली वितरण और शहरी व ग्रामीण निकायों के राजस्व को लेकर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में व्यापक नए आर्थिक प्रोत्साहनों की घोषणा की थी।
Leave a reply
You must be logged in to post a comment.