मंत्रियों को मोदी का आदेश
[metaslider id=290] प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर हाल में यूपीए सरकार के दौरान सरकार के करीबी अधिकारियों को नई सरकार से दूर रखना चाहते हैं. प्रधानमंत्री कार्यालय से आदेश जारी किया गया है. इस आदेश के मुताबिक यूपीए सरकार में मंत्रियों के स्टाफ को नई सरकार के मंत्रियों के स्टाफ के तौर पर नियुक्ति नहीं किया जाएगा. ये नियम सरकारी व्यक्ति के साथ-साथ निजी लोगों पर भी लागू होगा. ये इतने कड़े है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 1 दिन भी अगर यूपीए सरकार में मंत्री के स्टाफ के तौर पर काम किया है तो उसे नई सरकार में जगह नहीं मिल सकती है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार फिर अपने सभी मंत्रियों को आगाह किया है कि वो किसी भी सूरत में पिछली सरकार का कोई भी अफसर या कर्मचारी मंत्रियों के निजी स्टाफ में नहीं रखे जाए. प्रधानमंत्री ने ये भी साफ कर दिया है कि पिछली सरकार के किसी भी मंत्री ने अगर अपने स्टाफ में किसी प्राइवेट आदमी को भी रखा तो भी उसे मंत्रालय के स्टाफ से बाहर कर दिया जाए. यहां तक कि अफसर ही नहीं बल्कि स्टेनो, टाइपिस्ट जैसे निचले स्तर के कर्मचारी भी बदलने होंगे.. सूत्रों के मुताबिक मोदी ने प्रधानमंत्री कार्यालय में एक अहम बैठक करने के बाद इस सिलसिले में कई फैसले लिए थे. 1. मोदी ने अपने मंत्रियों से कहा कि रिश्तेदारों को अपने स्टाफ में नियुक्त नहीं करें. 2. अपने निजी सचिव और ओएसडी रखते समय पिछली सरकार के मंत्रियों से जुड़े अफसरों से परहेज करें. 3. अपने नए फरमान में मोदी ने मंत्रियों को हिदायत दी है कि वो पिछली सरकार में मंत्रियों के स्टाफ में किसी भी स्तर पर नियुक्त किसी भी अफसर को अपने स्टाफ में नहीं रखें. खुफिया रिपोर्टों में भी जिक्र था कि पीए और ओएसडी नियुक्त कराने का बाकायदा एक रैकेट दिल्ली दरबार में चल रहा है. मोदी अपनी सरकार की छवि को इसी रैकेट के दाग से बचाना चाहते हैं