अपनी सेहत, सुरक्षा के लिए पैदल, साइकिल और बाइक से घर के लिए न चलें : योगी आदित्यनाथ
अंतिम प्रवक्ता, 08 मई, 2020। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपील की है कि खुद के स्वास्थ्य और सुरक्षा के नाते कोई भी मजदूर पैदल, साइकिल या दोपहिया वाहन से अपने घर के लिए न निकले। उन्होंने कहा कि धैर्य रखें सरकार उन तक जल्दी ही पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सभी प्रवासी कामगारों/श्रमिकों के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया जाए और प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की प्रदेश में सकुशल वापसी तथा प्रदेश में रह रहे दूसरे राज्यों के कामगारों की सम्बन्धित राज्य में सकुशल वापसी के लिए बेहतर संवाद को आगे बढ़ाया जाए। मुख्यमंत्री योगी शुक्रवार को यहां लोक भवन में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में लॉकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार अपने प्रदेश के हर श्रमिक एवं कामगार को सुरक्षित उनके घर तक लाएगी। यह प्रक्रिया मार्च के अंतिम हफ्ते से ही जारी है। जरूरत के अनुसार हम इसके लिए ट्रेन और बसों का इंतजाम कर रहे हैं। अलग-प्रदेशों (महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक, केरल और तेलंगाना आदि) से प्रदेश के श्रमिकों को लेकर चलीं 79 ट्रेनें रास्ते में हैं। शनिवार तक ये अपने-अपने गंतव्य तक पहुंच जाएंगी। 56 ट्रेनों से अब तक गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, आंध्र प्रदेश और केरल आदि राज्यों से करीब 70 हजार श्रमिकों की वापसी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि ट्रेनों के अलावा उप्र परिवहन निगम की करीब 10 हजार बसें भी आने वालों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचा रही हैं। शुक्रवार को हरियाणा से 30,000 श्रमिक अपने प्रदेश में पहुंचेगें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सभी प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की प्रदेश में सुरक्षित वापसी के लिए कार्य कर रही है। इसके लिए सम्बन्धित राज्य सरकारों से ऐसे प्रवासियों की सूची प्राप्त की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी अवैध रूप से प्रदेश में न आने पाए।मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिए कि विभिन्न राज्यों से वापस आ रहे प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की जनपदवार सूची सम्बन्धित जिलाधिकारी को उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में विभिन्न राज्यों से प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को लेकर सर्वाधिक ट्रेनें पहुंचीं हैं। मुख्यमंत्री ने अपील की कि खुद के स्वास्थ्य और सुरक्षा के नाते कोई भी श्रमिक पैदल, साइकिल या दो पहिया से अपने घर के लिए न निकले। ये सारी व्यवस्था उनके लिए ही की गई है। धैर्य रखें सरकार उन तक जल्दी ही पहुंचेगी। उन्होंने कहा आने वाले हर प्रवासी के स्वास्थ्य की जांच उस जिले के पृथक-वास केंद्र पर अनिवार्य रूप से हो रही है। स्वस्थ्य लोगों को उनके घर इस हिदायत के साथ भेजा जा रहा है कि वह घर पर पृथक-वास के मानकों का अनुपालन करेंगे। संदिग्ध को पूरी जांच के लिए सेंटर में ही पृथक कर दिया जा रहा है। घर जाने वाले हर श्रमिक को अनिवार्य रूप से भरण-पोषण के लिए एक हजार रुपये और तय मात्रा में खाद्यान्न भी दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न राज्यों के प्रदेश में निवासित प्रवासियों की सम्बन्धित राज्य में वापसी तथा अन्य राज्यों में फंसे प्रदेश के लोगों की वापसी के लिए भी राज्य सरकार कार्य कर रही हैं। अन्य राज्यों से प्रदेश वापस लौटने के इच्छुक लोगों तथा यहां से सम्बन्धित राज्य को प्रस्थान करने के इच्छुक लोगों के लिए जनसुनवाई पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई पंजीयन व्यवस्था की अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। इस सम्बन्ध में प्रभावी कार्यवाही किए जाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे लॉक डाउन के दौरान भी औद्योगिक इकाई के मालिकों से कह कर श्रमिकों को वेतन या मानदेय दिलाना सुनिश्चित कराएं। अब करीब 55 हजार इकाईयां श्रमिकों को वेतन एवं मानदेय के रूप में 633.44 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी हैं। इस प्रक्रिया को संबंधित विभाग और तेज करते हुए हर प्रभावित श्रमिक को मानदेय या वेतन दिलाएं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि निराश्रित गौवंश के संरक्षण के लिए स्थापित गौ आश्रय स्थलों में चारे की व्यवस्था के लिए भूसा बैंक के स्थापना कार्य को गति दी जाए। गौ आश्रय स्थलों में रोजगार की सम्भावनाएं हैं। इसलिए प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को रोजगार सुलभ कराने के लिए इन्हें गौ आश्रय स्थलों से जोड़ा जाए।
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