आरोग्य सेतु ऐप निजता की सुरक्षा, डेटा सुरक्षा के लिहाज से पूरी तरह से मजबूत हैः रविशंकर प्रसाद
अंतिम प्रवक्ता, 06 मई, 2020। ‘आरोग्य सेतु’ ऐप के निजता में सेंध लगाने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि यह ‘मोबाइल ऐप’ निजता की सुरक्षा एवं डेटा सुरक्षा के संदर्भ में ‘‘पूरी तरह से मजबूत और सुरक्षित’’ है। प्रसाद ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘यह भारत का प्रौद्योगिकीय आविष्कार है–इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, हमारे वैज्ञानिकों, एनआईसी (राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र), नीति आयोग और कुछ निजी(संस्थानों) का– जो कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में मदद के लिये पूरी तरह से एक जिम्मेदार मंच है।’’ उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि ‘आरोग्य सेतु’ ऐप एक अत्याधुनिक निगरानी प्रणाली है, जिससे निजता एवं डेटा सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा हो रही हैं। उन्होंने कहा था, ‘‘प्रौद्योगिकी हमें सुरक्षित रहने में मदद कर सकती है, लेकिन (कोविड-19 के) इस डर का इस्तेमाल नागरिकों की सहमति के बगैर उन पर नजर रखने के लिये नहीं किया जाना चाहिए।’’ प्रसाद ने राहुल के दावे का विरोध करते हुए, ‘‘यह सुरक्षित है। डेटा ‘इनक्रीप्टेड’ रूप में है। सर्वाधिक महत्वपूर्ण यह है कि यह जनहित में भारतीयों की सुरक्षा के लिये है क्योंकि यह आपको इस बारे में आगाह करता है कि आपके आसपास कहीं कोई कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति तो नहीं है।’’ मंत्री ने कहा कि मोबाइल ऐप किसी व्यक्ति के संक्रमित होने की स्थिति में उसके संपर्क में आये लोगों का पता लगाने में भी मदद करता है। उन्होंने इस बारे में विस्तार से कहा, ‘‘यह प्रौद्योगिकी का एक बहुत ही मजबूत आविष्कार है और कई अन्य देश कोविड-19 से लड़ने के लिये इसी तरह के ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं। दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि डेटा सीमित (अवधि के लिए) है। नियमित डेटा 30 दिनों के लिये रहेंगे और यदि आप संक्रमित होते हैं तो यह 45 से 60 दिनों के लिये रहेगा।’’ प्रसाद ने कहा कि इस ऐप को मोबाइल फोन से हटाने का विकल्प हमेशा ही उपलब्ध है। उन्होंने कहा, ‘‘तो फिर यह हंगामा क्यों है। देश इसकी उपयोगिता समझ चुका है और सहर्ष इसे स्वीकार किया है।’’ आरोग्य सेतु ऐप स्मार्ट फोन के लिये है। प्रसाद ने कहा, ‘‘फीचर फोन के लिये हमने आरोग्य सेतु आईवीआरएस विकसित किया है। यह ऐप निजता की सुरक्षा और डेटा सुरक्षा के संदर्भ में पूरी तरह से मजबूत है।’’ केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक निर्देश के मुताबिक कार्यालय पहुंच रहे सभी सरकारी एवं निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिये इस ऐप को डाउनलोड करना अनिवार्य है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐप को लोगों से डाउनलोड करने का अनुरोध करते हुए कहा है कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिये यह प्राद्योगिकी का एक उत्कृष्ट उपयोग है। इस बीच, सरकार ने कहा कि आरोग्य सेतु ऐप में कोई डेटा या सुरक्षा उल्लंघन का मामला नहीं पाया गया है। इससे पहले एथिकल हैकर ने ऐप में संभावित सुरक्षा मुद्दे को लेकर चिंता जताई थी। यह सरकारी मोबाइल ऐप है जो कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति का पता लगाएगा और उसके बारे में इस ऐप का इस्तेमाल कर रहे शख्स को जानकारी देगा, ताकि वायरस को फैलने से रोका जा सके। फ्रांस के एक हैकर और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ एल्लोट एल्ड्रसन ने दावा किया था कि ऐप में सुरक्षा से जुड़ा एक मुद्दा पाया गया है और नौ करोड़ भारतीयों की निजता को खतरा है। दावे को खारिज करते हुए, सरकार ने कहा कि इस एथिकल हैकर ने यह साबित नहीं किया है कि किसी उपयोगकर्ता की कोई भी निजी जानकारी खतरे में है। सरकार ने ऐप के ट्वीटर हैंडल के जरिए कहा, ‘ हम लगातार अपनी प्रणाली की जांच कर रहे हैं और उसका उन्नयन कर रहे हैं। टीम आरोग्य सेतु सबको आश्वस्त करती है कि कोई भी डेटा या सुरक्षा उल्लंघन मामला नहीं पाया गया है।’
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