चीन द्वारा यथास्थिति में एकतरफा बदलाव का कोई भी प्रयास अस्वीकार्य होगा :राजनाथ सिंह
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 15 सितंबर । लद्दाख के पूर्वी क्षेत्र में चीन की सेना के साथ गतिरोध के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत शांतिपूर्ण तरीके से सीमा मुद्दे के हल के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन पड़ोसी देश द्वारा यथास्थिति में एकतरफा ढंग से बदलाव का कोई भी प्रयास अस्वीकार्य होगा। उन्होंने कहा कि हम पूर्वी लद्दाख में चुनौती का सामना कर रहे हैं, हम मुद्दे का शांतिपूर्ण ढंग से हल करना चाहते हैं और हमारे सशस्त्र बल देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए डटकर खड़े हैं। रक्षा मंत्री के जवाब के बाद कांग्रेस के सदस्य भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखना चाहते थे लेकिन अध्यक्ष ओम बिरला ने नियमों का उल्लेख करते हुए उन्हें अनुमति नहीं दी। कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और गौरव गोगोई ने कहा कि उन्हें भी बोलने का अधिकार है। हालांकि आसन से अनुमति नहीं मिलने के बाद कांग्रेस सदस्यों ने विरोध स्वरूप सदन से वाकआउट किया। लोकसभा में पूर्वी लद्दाख की स्थिति पर दिये गये एक बयान में रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि इस सदन को प्रस्ताव पारित करना चाहिए कि यह सदन और सारा देश सशस्त्र बलों के साथ है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस सदन से यह आग्रह करना चाहता हॅूं कि हमें एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए कि हम अपने वीर जवानों के साथ कदम-से-कदम मिलाकर खड़े हैं, जो कि अपनी जान की परवाह किए हुए बगैर देश की चोटियों की उचाइयों पर विषम परिस्थितियों के बावजूद भारत माता की रक्षा कर रहे हैं।’’ सिंह ने हाल ही में चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंगहे से मॉस्को में अपनी बातचीत का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मैंने यह भी स्पष्ट किया कि हम इस मुद्दे को शांतिपूर्ण ढंग से हल करना चाहते हैं और हम चाहते हैं कि चीनी पक्ष हमारे साथ मिलकर काम करे। हमने यह भी स्पष्ट कर दिया कि हम भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बात पर बल देना चाहूंगा कि भारत शातिपूर्ण बातचीत और परामर्श से सीमा मुद्दों को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी उद्देश्य से मैंने चार सितंबर को चीनी रक्षा मंत्री से बातचीत की।’’ रक्षा मंत्री ने कहा कि इस वर्ष की स्थिति पहले से बहुत अलग है, फिर भी हम मौजूदा स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान के प्रति प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ वह सदन को आश्वस्त करना चाहते हैं कि सरकार सभी परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार है। सिंह ने अप्रैल के बाद से पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध के हालात और सीमा पर शांति के लिए कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर किये गये प्रयासों का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लद्दाख दौरे से संदेश दिया गया कि समस्त देशवासी जवानों के साथ खड़े हैं। सिंह ने अपने लद्दाख दौरे का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मैंने भी जवानों के अदम्य साहस, शौर्य और पराक्रम को महसूस किया।’’ उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा निर्धारण का प्रश्न अभी अनसुलझा है और दोनों पक्ष मानते हैं कि सीमा जटिल मुद्दा है तथा शांतिपूर्ण बातचीत के जरिये समाधान निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत का मानना है कि द्विपक्षीय संबंधों का विस्तार किया जा सकता है और सीमा मुद्दे पर बातचीत की जा सकती है, लेकिन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर किसी भी उल्लंघन वाली गतिविधि का द्विपक्षीय रिश्तों पर असर पड़ेगा। सिंह ने कहा कि समझौते में यह भी है कि सीमा मुद्दे का पूर्ण समाधान नहीं होने तक वास्तविक नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किसी सूरत में नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमने चीन को कूटनीतिक और सैन्य चौनलों से अवगत करा दिया है कि यथास्थिति को एकतरफा तरीके से बदलने का प्रयास कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’’ रक्षा मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच इन प्रमुख सिद्धांतों पर सहमति बनी है कि दोनों पक्षों को एलएसी का सम्मान करना चाहिए और कड़ाई से उसका पालन करना चाहिए, किसी भी पक्ष को यथास्थिति के उल्लंघन का प्रयास नहीं करना चाहिए और दोनों पक्षों को सभी समझौतों का पालन करना चाहिए। सिंह ने कहा कि मौजूदा स्थिति के अनुसार चीनी सेना ने एलएसी के अंदर बड़ी संख्या में जवानों और हथियारों को तैनात किया है और क्षेत्र में दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव के अनेक बिंदु हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सेना ने भी जवाबी तैनातियां की हैं ताकि देश के सुरक्षा हितों का पूरी तरह ध्यान रखा जाए। हमारे सशस्त्र बल इस चुनौती का डटकर सामना करेंगे। हमें अपने सशस्त्र बलों पर गर्व है।’’ सिंह ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान करना और उसका कड़ाई से पालन किया जाना, सीमा क्षेत्रों में शांति और सद्भाव का आधार है और इसे 1993 एवं 1996 के समझौतों में स्पष्ट रूप से स्वीकार किया गया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे सशस्त्र बल इसका पूरी तरह पालन करतें हैं, चीनी पक्ष की ओर से ऐसा नहीं हुआ है।
गरीबों तक राशन नहीं पहुंचा पा रही दिल्ली सरकार : मनोज तिवारी
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 15 सितंबर । उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार कोरोना महामारी के दौरान कोई भूखा न सोए इसके लिए नवंबर तक हर गरीब को मुफ्त में राशन देने की योजना पर काम कर रही है। लेकिन बड़ी चिंता की बात है कि दिल्ली की सरकार राशन को पहुंचाने के लिए गंभीर नहीं है। जिसका परिणाम है कि अभी तक खाद्य आपूर्ति विभाग जरूरतमंदों की पहचान तक नहीं कर पाया है। खाद्य आपूर्ति विभाग के गोदाम में अपार अन्न भंडार है, जिसे दिल्ली सरकार जरूरतमंदों को आपूर्ति करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिए कि तुरंत ऐसे लोगों की सूची तैयार की जाए जिनके राशन कार्ड नहीं बने हैं, और उन्हें भी मुफ्त राशन की आपूर्ति की जाए। मनोज तिवारी ने आने वाली बैठक में आज की न्यूनताओं को पूरा कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया और अधिकारियों को कहा कि वह क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर केंद्र सरकार की योजनाओं को पारदर्शी तरीके से जन जन तक पहुंचाएं जो दिक्कतें आएंगी उन्हें मैं दूर करने का प्रयास करूंगा। सांसद मनोज तिवारी ने उक्त विचार उत्तर पूर्वी जिले की दिशा कमेटी की बैठक में व्यक्त किए। पूर्वी जिले के जिलाधिकारी सीलमपुर करावल नगर और यमुना विहार के उप मंडल अधिकारी खाद्य आपूर्ति विभाग बैंकिंग पूर्वी दिल्ली नगर निगम सहित संबंधित विभाग के अधिकारी कमेटी के सदस्य डॉ यूके चौधरी सुनील राठी सीलमपुर और मुस्तफाबाद के विधायक अब्दुल रहमान, हाजी युनुस मीडिया विभाग के प्रदेश सह प्रमुख आनंद त्रिवेदी भी बैठक में मौजूद रहे। बैठक में संबंधित अधिकारियों ने स्वच्छ भारत अभियान डिजिटल भूमि दस्तावेज कार्यक्रम, स्मार्ट सिटी मिशन, नेशनल हेल्थ मिशन, सर्व शिक्षा अभियान, नवजात शिशु कल्याण योजना, मिड डे मील, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, खाद्य सुरक्षा और प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन की उपलब्धियां और भविष्य के लक्ष्य के बारे में बताया। सांसद श्री तिवारी ने सभी योजनाओं को और बेहतरी से लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए अधिकारियों से सुझाव भी मांगे। अधिकारियों से जानकारी लेने के बाद सांसद तिवारी ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उत्तर पूर्वी दिल्ली में 2347 लोगों को लोन दिया जाना। यह बताता है कि प्रधानमंत्री का सबका साथ सबका विकास का सिद्धांत जन-जन तक पहुंच रहा है। आंगनबाड़ी आशा वर्कर प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से निपटने के लिए कोरोना योध्दा के रूप में जन-जन की चिंता कर रहे हैं। उन्होंने खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रधानमंत्री की राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ अपेक्षाकृत क्षेत्र के जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पा रहा है, जिसका बड़ा कारण है कि संबंधित विभाग ऐसे लोगों की पहचान अभी तक नहीं कर पाया है कि वास्तविक जरूरतमंद लोग कौन हैं।
साधारण, स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी इलेक्ट्रॉनिक रूप में जारी करने की अनुमति
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 15 सितंबर । बीमा क्षेत्र के नियामक इरडा ने साधारण और स्वास्थ्य बीमा कंपनियों को अब पॉलिसी इलेक्ट्रॉनिक रूप में जारी करने की अनुमति दे दी है। इरडा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी देते हुये कहा कि भविष्य में बीमा पॉलिसी को इलेक्ट्रॉनिक रूप में जारी करने का ही नियम बन जायेगा। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के गैर-जीवन बीमा सदस्य टी एल अलामेलू ने उद्योग जगत के एक कार्यक्रम में कहा कि बीमा क्षेत्र में पॉलिसी धारकों और अन्य संबद्ध पक्षों के मामले में काफी कुछ किये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक नियामक की बात है, अभी काफी काम किये जाने हैं। हम लगातार यह देख रहे हैं कि क्या किये जाने की आवश्यकता है, केवल पॉलिसी धारकों के लिये ही नहीं बल्कि बीमा क्षेत्र से जुड़े सभी पक्षों के मामले पर हम गौर कर रहे हैं। कुछ कदम जो हमने उठाये हैं वह स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र से जुड़े हैं।’’ अलामेलू ने उद्योग संगठन एसोचौम द्वारा ‘नेशनल ई-समिट हेल्थ इंश्योंरेंस अंडर कोविड अटैक’ को संबोधित करते हुये कहा, ‘‘कल आप सभी ने देखा होगा कि अब हम बीमा कंपनियों को प्रस्ताव के रूप में ई- पॉलिसी जारी करने की अनुमति दे रहे हैं। मेरा मानना है कि यह समय की जरूरत है। धीरे धीरे इसमें मध्यवर्ती इकाइयों, एजेंटों और पॉलिसीधारकों के बीच दूर रहकर ही काम करने का माहौल बनेगा। हम जल्द से जल्द ऐसी प्रणाली अपनानी होगी जहां यह नया नियम बन जायेगा।’’ उन्होंने एजेंटों और अन्य को डिजिटल तरीके से काम करते हुये उसमें कार्टून, चित्रकारी आदि का इस्तेमाल करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि बीमा उत्पादों को अधिक आकर्षक बनाने के लिये यह जरूरी है। उन्होंने कहा कि इरडा तंदुरूस्ती, स्वास्थ्य को बीमा पॉलिसी पैकेज का एक हिस्सा बनाने पर गौर कर रही है। देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और स्वास्थ्य बीमा को लेकर बढ़ती जागरूकता के बारे में उन्होंने कहा कि मार्च से जुलाई 2020 की अल्पावधि में ही घरेलू बीमा बाजार में 27 से 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
गुजरात स्टार्टअप के लिए मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र उपलब्ध कराने वाले राज्यों में सबसे आगे
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 15 सितंबर । गुजरात और दिल्ली 22 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों के बीच किए गए एक सर्वेक्षण में नव उद्यमियों के लिए मजबूत स्टार्टअप पारिस्थितिकी उपलब्ध कराने वाले बनकर उभरे हैं। यह सर्वेक्षण उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने कराया है। सर्वेक्षण में भाग लेने वाले सभी राज्यों में गुजरात को इस मामले में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला राज्य पाया गया। वहीं दिल्ली को पूर्वोत्तर राज्यों और अन्य संघ शासित प्रदेशों को छोड़ अन्य प्रदेशों में सबसे आगे पाया गया। इस सर्वेक्षण में असम को छोड़कर पूर्वोत्तर के सभी राज्य और दिल्ली को छोड़कर सभी केंद्र शासित प्रदेशों को अलग श्रेणी में रखा गया था। इस श्रेणी में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को यह रैंकिंग सर्वेक्षण जारी किया। यह रैकिंग राज्यों के स्टार्टअप पारिस्थितिकी के लिए की गयी पहलों के आधार पर किया गया है। इसके लिए संस्थागत समर्थन, अनुपालन सुगमता, सार्वजनिक खरीद नियमों छूट, इंक्यूबेशन सेंटर और शुरुआती कोष उपलब्ध कराने जैसे 30 मानक रखे गए थे।
सरकार की 50,000 किलोमीटर से अधिक राजमार्ग निर्माण की योजना
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 15 सितंबर । सरकार ने शुक्रवार को सड़क निर्माण के क्षेत्र में कोष जुटाने के लिये ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट ट्रस्ट’ (इन्विट) को आकर्षक तरीका बताते हुये कहा कि उसकी 50,000 किलोमीटर से अधिक राजमार्ग निर्माण की योजना है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘दिल्ली में बृहस्पतिवार शाम को बड़े और प्रमुख निवेशक समूहों को संबोधित करते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव गिरिधर अरमाने ने कहा कि मंत्रालय की योजना 50,000 किलोमीटर से अधिक राजमार्ग बनाने की है। इसमें से अधिकतर चार और छह लेन जितने चौड़े होंगे।’’ उन्होंने निवेशकों से इन परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिए अवसंरचना निवेश न्यास (इन्विट) पर विचार करने को कहा। इसमें उनके लिए बड़े अवसर हैं। इन्विट एक तरह के म्यूचुअल फंड होते हैं, जिसमें कई सारे निवेशकों से छोटी-छोटी राशि जुटाकर एक कोष बनाया जाता है। फिर इसका निवेश ऐसी परियोजनाओं में किया जाता है जो एक निश्चित अवधि में नकदी प्रवाह और रिटर्न देती हैं। इन्विट पर निवेशकों की इस बैठक में अरमाने ने कहा कि सड़क निर्माण के लिए कोष जुटाने का यह एक आकर्षक विकल्प है। साथ ही निवेशकों को परिसंपत्ति आधारित बेहतर रिटर्न और कम जोखिम की सुविधा भी देता है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित सड़कों पर टोल वसूले जाने का लंबा इतिहास रहा है। ऐसे में यहां रिटर्न का बेहतर मौका है।
बैंक कर्जदरों को राहत पहुंचाने के उपाय सुझायेगी (कैग) की महर्षी समिति
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 15 सितंबर । सरकार ने बैंक कर्जदारों की ब्याज माफी और ब्याज पर ब्याज से राहत देने तथा इससे जुड़े अन्य मुद्दों पर उपाय सुझाने के लिए पूर्व महालेखा परीक्षक नियंत्रक (कैग) राजीव महर्षी की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति का गठन किया है जो एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी। वित्त मंत्रालय ने आज यहां जारी बयान में कहा कि कर्जदरों की ब्याज माफी और ब्याज पर ब्याज से राहत देने के संबंध में उच्चतम न्यायालय में चल रहे मामले को ध्यान में रखते हुये यह समिति गठित की गयी है ताकि सही तरीके से आकंलन किया जा सके जिससे इस संबंध में सही तरीके से निर्णय लिये जा सके। श्री महर्षी इस समिति के अध्यक्ष होंगे जबकि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति के पूर्व सदस्य डॉ़ रविन्द्र एच ढोलकिया, स्टेट बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक बी श्रीराम सदस्य बनाये गये हैं। यह समिति कोरोना महामारी के मद्देनजर ब्याज भुगतान से दी गयी राहत के मद्देजनर ब्याज से छूट और ब्याज पर ब्याज से छूट दिये जाने का वित्तीय स्थिरता और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन, इस संबंध में समाज के विभिन्न समुदायों पर पड़ने वाले वित्तीय प्रभाव को दूर करने के सुझाव और वर्तमान स्थिति में किये जाने वाले अन्य उपाय भी सुझायेगी। समिति को सचिवालयीन सुविधायें स्टेट बैंक उपलब्ध करायेगा और अपने सुझाव तथा मूल्यांकन के लिए विभिन्न हितधारकों से सलाह मशविरा भी करेगी।
रेलवे ने न्यायालय में कहा, दिल्ली में पटरियों के पास बनी झुग्गियां स्वच्छता अभियान में बाधक हैं : आप
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 15 सितंबर । आम आदमी पार्टी ने शुक्रवार को दावा किया कि रेलवे ने उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दायर कर कहा है कि रेलवे पटरियों के पास बनीं 48,000 झुग्गियां केन्द्र सरकार के स्वच्छता अभियान में बाधक बन रही हैं, इसी पर न्यायालय ने उन्हें गिराने का आदेश दिया है। हलफनामे को केन्द्र की भाजपा नीत सरकार की असल मंशा का ‘‘पुख्ता सबूत’’ बताते हुए आप के प्रवक्ता राघव चड्डा ने कहा कि इसने भाजपा की असली मंशा सामने ला दी है। लेकिन, दिल्ली भाजपा ने इसपर पलटवार करते हुए आप से कहा है कि झुग्गी-बस्ती वालों को भ्रमित करने के लिए अपना ‘‘रोज का मेलोड्रामा’’ बंद करे और राजीव रत्न योजना के 55,000 से भी ज्यादा खाली पड़े फ्लैट उन्हें आवंटित करे। न्यायालय ने अपने हालिया आदेश में दिल्ली में रेलवे पटरियों के पास बनी करीब 48,000 झुग्गियों को तीन महीने के भीतर हटाने का आदेश दिया है। चड्डा ने कहा कि हलफनामे में यह भी कहा गया है कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार झुग्गियां गिराने नहीं दे रही है। उन्होंने कहा, ‘‘(दिल्ली विधानसभा) चुनाव के कुछ ही महीनों बाद 18 अगस्त, 2020 को न्यायालय में दायर एक हलफनामे में भाजपा ने कहा कि हम झुग्गियां गिराना चाहते हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल उन्हें गिराने नहीं देना चाहते। हमें इस बात पर गर्व है कि हमने उन्हें झुग्गियां नहीं गिराने दीं।’’ आप नेता ने यह बात दोहरायी कि दिल्ली सरकार भाजपा को लोगों के घर गिराने नहीं देगी और उचित स्थान पर उनका पुनर्वास किया जाएगा। चड्डा ने कहा, ‘‘दिल्ली का बेटा, अरविंद केजरीवाल अभी जिंदा है, दिल्ली में कोई झुग्गीवाला बेघर नहीं होगा।’’ इन आरोपों पर पलटवार करते हुए दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि दिल्ली में रेलवे की जमीन पर बनी 48,000 झुग्गियों का मामला 1998 से चल रहा है। उन्होंने दावा किया कि अटल बिहारी वाजपेयी की तत्कालीन सरकार में रेलवे में दिल्ली की सरकार को करीब 1,500 झुग्गियों में रहने वालों के पुनर्वास के लिए 11.25 करोड़ रुपये दिए थे। लेकिन उस वक्त दिल्ली में सत्तासीन कांग्रेस ने इनके कल्याण के लिए कुछ नहीं किया।
सरकारी स्कूलों के मैदानों के निजी अकादमियों को आवंटन की समीक्षा करेगी दिल्ली सरकार
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 15 सितंबर । दिल्ली सरकार अपने अधीन आने वाले स्कूलों के खेल के मैदानों को निजी खेल अकादमियों और निजी प्रशिक्षकों को कोचिंग के उद्देश्य से आवंटित करने के फैसले की समीक्षा कर रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘सरकारी स्कूलों के खेल के मैदान विभिन्न खेलों का प्रशिक्षण देने के लिए जिन विभिन्न खेल अकादमियों, क्लबों तथा निजी प्रशिक्षकों को आवंटित किए गए थे उनके कार्य प्रदर्शन की समीक्षा की जा रही है। यह आवंटन का नवीकरण करने के लिए किया जा रहा है।’’ अधिकारी ने बताया, ‘‘जिन्हें मैदान आवंटित किए दो वर्ष की अवधि पूरी हो चुकी है उनके प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा और उसके अनुसार फैसला लिया जाएगा। जिन्हें आवंटित किए दो साल पूरे नहीं हुए हैं उनसे कुछ दस्तावेज एवं आवेदन मांगे गए हैं। अब तक उनमें से सिर्फ 26 ने ही दस्तावेज जमा किए हैं।’’ उन्होंने बताया कि जो भी अकादमी 15 सितंबर तक दस्तावेज जमा नहीं करवाएगी, उनके बारे में यह मान लिया जाएगा कि वह आवंटित खेल परिसर में स्कूली छात्रों को कोचिंग देना जारी रखने की इच्छुक नहीं है और फिर उनका आवंटन रद्द कर दिया जाएगा।
दिल्ली हिंसा : हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या मामले में जमानत याचिका खारिज
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 15 सितंबर । दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली हिंसा के दौरान हेड कांस्टेबल रतनलाल की हत्या के मामले के आरोपित मोहम्मद अयूब की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। अयूब ने अपने पिता की मौत के बाद फातिहा और दूसरे संस्कारों में शामिल होने के 7 दिनों की अंतरिम जमानत दाखिल की थी। कोर्ट ने कहा कि आरोपी के खिलाफ पुलिस बल पर हमले का आरोप है जिसकी वजह से हेड कांस्टेबल रतनलाल की मौत हो गई थी और शाहदरा के डीसीपी अमित कुमार शर्मा घायल हो गए थे। कोर्ट ने कहा कि आरोपी के तीन भाई हैं जो अपने पिता की मौत के बाद होनेवाले संस्कारों को पूरा करेंगे। कोर्ट ने ये भी नोट किया कि आरोपी ने पिछले 9 सितम्बर को अपनी नियमित जमानत याचिका वापस ले ली थी। अयूब ने सात दिनों की अंतरिम जमानत की मांग की थी। अयूब की ओर से वकील सलीम मलिक और सोनिया पांडेय ने कहा कि आरोपी के पिता का फातिहा 11 सितम्बर को और पारिवारिक संस्कार 14 सितम्बर को है। इसमें शामिल होने की अनुमति दी जाए। अंतरिम जमानत का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अमित प्रसाद ने कहा कि अयूब के भाई युनूस को पिता के अंतिम संस्कारों में शामिल होने के लिए कस्टडी पेरोल दी गई थी। उसके बाद पिछले 27 अगस्त को उसे सीमित अवधि के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी। उसके बाद युनूस ने हाईकोर्ट के फैसले को आधार बनाते हुए मानवीय आधार पर अंतरिम जमानत अवधि बढ़ाने की मांग की थी। दिल्ली पुलिस ने कहा कि हाईकोर्ट ने अपने 24 अगस्त के आदेश में कोरोना की वजह से जेलों में भीड़ कम करने के लिए हाई पावर्ड कमेटी की अनुशंसाओं के मुताबिक अंतरिम जमानत पर रिहा हुए कैदियों की जमानत अवधि 31 अक्टूबर तक बढ़ा दिया था। दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी अयूब ने यह याचिका यही सोचकर किया है कि अगर अंतरिम मिल जाती है तो हाईकोर्ट के फैसले को आधार बनाकर जमानत की अवधि बढ़ाने की मांग करेंगे। दिल्ली पुलिस ने कहा कि अयूब को तीन और भाई हैं जिनका नाम है शोकीन, युसूफ और युनूस। ये तीनों भाई पिता की मौत के बाद होनेवाले संस्कारों को पूरा कर सकते हैं। इसके अलावा अयूब की तीन बहनें भी हैं। दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने राज्य बनाम दीपक डबास के केस में कहा था कि अंतरिम जमानत देते समय ट्रायल कोर्ट को मामले की गंभीरता को देखना चाहिए।
दिल्ली हिंसा : खालिद सैफी को एक मामले में मिली जमानत
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 15 सितंबर । दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली हिंसा के आरोपी खालिद सैफी को एक मामले में जमानत दे दी है। एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने खालिद सैफी को जमानत देने का आदेश दिया। खालिद को जमानत मिलने के बाद भी वो जेल से रिहा नहीं हो सकता क्योंकि दो और मामलों में उसे जमानत नहीं मिली है। खालिद सैफी ने इस मामले में दूसरी बार जमानत याचिका दायर की है। इस मामले में दर्ज एफआईआर में खालिद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, 186, 353, 332, 307, 109 के अलावा आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 के तहत आरोप लगाए गए हैं। कोर्ट ने इस मामले में खालिद की पहली जमानत याचिका मार्च महीने में खारिज कर दी थी। कोर्ट ने उस समय कहा था कि खालिद के खिलाफ अभी पूरी नहीं हुई है। बता दें कि इस मामले में दिल्ली पुलिस ने पिछले 20 अप्रैल को चार्जशीट दाखिल की थी। खालिद के खिलाफ दो और मामले दर्ज हैं जिनमें यूएपीए के तहत मामले दर्ज हैं। खालिद यूनाइटेड अगेंस्ट हेट का संस्थापक है। स्पेशल सेल ने जिन लोगों के खिलाफ यूएपीए के तहत एफआईआर दर्ज की है, उनमें इशरत जहां, खालिद सैफी, सफूरा जरगर, गुलफिशा फातिमा, नताशा नरवाल, देवांगन कलीता और ताहिर हुसैन के नाम प्रमुख हैं। ये सभी आरोपी फिलहाल जेल में बंद हैं। स्पेशल सेल ने एफआईआर में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद का भी नाम लिया है लेकिन अभी तक उसे गिरफ्तार नहीं किया गया है। स्पेशल सेल के मुताबिक उमर खालिद ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत आगमन के पहले अन्य आरोपियों के साथ दिल्ली में दंगों की साजिश रची थी।
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