जयपुर फुट अफगानिस्तान के विकलांग लोगों के लिए बना वरदान
[metaslider id=290][metaslider id=290]राजस्थान के जयपुर स्थित भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति द्वारा अफगानिस्तान के काबुल शहर में एक महीने के लिए लगाया जा रहा निःशुल्क कृत्रिम अंग शिविर उन लोगों के लिए एक वरदान बनकर आया हैं। जिन्होंने अफगानिस्तान में युद्ध, खनन विस्फोटों एवं अन्य मानवीय दुर्घटनाओं के कारण अपने अंग गवा दिये थे। उल्लेखनीय है कि उपराष्ट्रपति श्री मोहम्मद हामिद अंसारी ने इस शिविर के लिए चिकित्सकों एवं विशेषज्ञों के एक दल को इसी माह नई दिल्ली से अफगानिस्तान के लिए रवाना किया था।
पिछले ढ़ाई दशक में अफगानिस्तान की हजारों महिलाएं एवं पुरूषों ने युद्ध एवं दंगों के चलते अपनी पैरों को खो दिया। ऎसे विकलांग लोगों के लिए जयपुर फुट एक किफायती और आसानी से उपयोग किए जा सकने वाला कृत्रिम पैर साबित हुआ है तथा इन कृत्रिम पैरों की स्थायित्व क्षमता भी काफी लम्बी है। काबुल के 48 वर्षीय विक्लांग अब्दुल बताते है कि युद्ध एवं दंगों के कारण कई परिवारों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने बताया कि चार वर्ष पूर्व एक विस्फोट के दौरान मेरी एक टांग चली गई और मैं अपाहिज हो गया तथा चलने फिरने से लाचार हो गया और अपनी जीविका चलाने के लिए रोड़ के किनारे फल बेचने का काम शुरू करने लगा। लेकिन आज मैं बहुत खुश हूं कि भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के कृत्रिम टांग के माध्यम से अपने दोनों पैरों पर खड़ा हो सकता हूं।
गैर सरकारी संगठन, भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति द्वारा काबुल में आयोजित किये जो रहे इस कैम्प के दौरान श्री अब्दुल अपने साथ तीन अन्य विकलांगों को भी उपचार के लिए लाये, जिनकी टांगे संस्था द्वारा निःशुल्क रूप से प्रतिस्थापित की गई है। विकलांगों को जयपुर फुट के नाम से कृत्रिम टांग उपलब्ध करवाने वाली दुनियां का सबसे बड़ा जयपुर स्थित राजस्थान का यह गैर सरकारी संगठन अब तक काबुल में कृत्रिम टांग प्रत्यारोपित करने के लिए चार बार शिविर लगा चुका है। इन चार शिविरों के दौरान करीब 3051लोगों को कृत्रिम टांग उपलब्ध करवा चुका है तथा संस्था ने पांचवें इस शिविर में लगभग एक हजार लोगों को कृत्रिम टांग प्रत्यारोपित का लक्ष्य रखा है।
काबुल के ‘खैर-खाना’ स्थान पर आयोजित किये जा रहे इस कैम्प के प्रथम दिन के दौरान 65 विकलांगों की टांग सफलता पूर्वक प्रत्यारोपित की गई और अगले ही दिन ये सभी लोग अपने चेहरों पर मुस्कान लिये वर्षो की दुःखद घटनाओं से निजात पा गये। काबुल में इस शिविर को आयोजन 07 जुलाई तक किया जाना है। जिसके दौरान लगभग एक हजार विकलांगों को निःशुल्क रूप से सेवाएं दी जायेगी। इस शिविर का आयोजन भगवान महावीर सहायता समिति तथा अफगानिस्तान की श्रम एवं सामाजिक कल्याण, शहीद एवं विकलांग मंत्रालय के सक्रिय सहयोग से किया गया है।
भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के संस्थापक एवं मुख्य संरक्षक श्री डी.आर मेहता ने बताया कि ऎसे शिविराें का उद्देश्य न केवल विक्लांगों को अपने पैरों पर खड़ा करना और चलने योग्य बनाना है बल्कि ऎसे लोगों को सामाजिक आर्थिक और शारीरिक रूप से सम्मान के साथ पुनः समाज से जोड़ना भी हैं। उन्होंने कहा कि संस्था ऎसे लोगों को कृत्रिम पैर उपलब्ध करवाती है। जिनके पैर घुटने से नीचे अथवा ऊपर से अपाहिज है।
अफगानिस्तान के काबुल शहर में लगाया जा रहा एक माह का यह निःशुल्क कृत्रिम अंग शिविर शिविर अल-फराह द्वारा प्रायोजित किया जा रहा है।
पिछले ढ़ाई दशक में अफगानिस्तान की हजारों महिलाएं एवं पुरूषों ने युद्ध एवं दंगों के चलते अपनी पैरों को खो दिया। ऎसे विकलांग लोगों के लिए जयपुर फुट एक किफायती और आसानी से उपयोग किए जा सकने वाला कृत्रिम पैर साबित हुआ है तथा इन कृत्रिम पैरों की स्थायित्व क्षमता भी काफी लम्बी है। काबुल के 48 वर्षीय विक्लांग अब्दुल बताते है कि युद्ध एवं दंगों के कारण कई परिवारों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने बताया कि चार वर्ष पूर्व एक विस्फोट के दौरान मेरी एक टांग चली गई और मैं अपाहिज हो गया तथा चलने फिरने से लाचार हो गया और अपनी जीविका चलाने के लिए रोड़ के किनारे फल बेचने का काम शुरू करने लगा। लेकिन आज मैं बहुत खुश हूं कि भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के कृत्रिम टांग के माध्यम से अपने दोनों पैरों पर खड़ा हो सकता हूं।
गैर सरकारी संगठन, भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति द्वारा काबुल में आयोजित किये जो रहे इस कैम्प के दौरान श्री अब्दुल अपने साथ तीन अन्य विकलांगों को भी उपचार के लिए लाये, जिनकी टांगे संस्था द्वारा निःशुल्क रूप से प्रतिस्थापित की गई है। विकलांगों को जयपुर फुट के नाम से कृत्रिम टांग उपलब्ध करवाने वाली दुनियां का सबसे बड़ा जयपुर स्थित राजस्थान का यह गैर सरकारी संगठन अब तक काबुल में कृत्रिम टांग प्रत्यारोपित करने के लिए चार बार शिविर लगा चुका है। इन चार शिविरों के दौरान करीब 3051लोगों को कृत्रिम टांग उपलब्ध करवा चुका है तथा संस्था ने पांचवें इस शिविर में लगभग एक हजार लोगों को कृत्रिम टांग प्रत्यारोपित का लक्ष्य रखा है।
काबुल के ‘खैर-खाना’ स्थान पर आयोजित किये जा रहे इस कैम्प के प्रथम दिन के दौरान 65 विकलांगों की टांग सफलता पूर्वक प्रत्यारोपित की गई और अगले ही दिन ये सभी लोग अपने चेहरों पर मुस्कान लिये वर्षो की दुःखद घटनाओं से निजात पा गये। काबुल में इस शिविर को आयोजन 07 जुलाई तक किया जाना है। जिसके दौरान लगभग एक हजार विकलांगों को निःशुल्क रूप से सेवाएं दी जायेगी। इस शिविर का आयोजन भगवान महावीर सहायता समिति तथा अफगानिस्तान की श्रम एवं सामाजिक कल्याण, शहीद एवं विकलांग मंत्रालय के सक्रिय सहयोग से किया गया है।
भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के संस्थापक एवं मुख्य संरक्षक श्री डी.आर मेहता ने बताया कि ऎसे शिविराें का उद्देश्य न केवल विक्लांगों को अपने पैरों पर खड़ा करना और चलने योग्य बनाना है बल्कि ऎसे लोगों को सामाजिक आर्थिक और शारीरिक रूप से सम्मान के साथ पुनः समाज से जोड़ना भी हैं। उन्होंने कहा कि संस्था ऎसे लोगों को कृत्रिम पैर उपलब्ध करवाती है। जिनके पैर घुटने से नीचे अथवा ऊपर से अपाहिज है।
अफगानिस्तान के काबुल शहर में लगाया जा रहा एक माह का यह निःशुल्क कृत्रिम अंग शिविर शिविर अल-फराह द्वारा प्रायोजित किया जा रहा है।