ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल
ट्रेड यूनियनों की बुधवार को आयोजित राष्ट्रव्यापी हड़ताल दोपहर तक आते-आते हिंसक हो
गई. देश के कई हिस्सों में इस दौरान प्रदर्शन हुए, जगह-जगह मारपीट हुई और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज भी किया.
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बहरामपुर और कुछ अन्य जगहों पर सीपीएम और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में झड़प हो गई. दोनों दलों के कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे पर जमकर लाठियां भांजी और तोड़फोड़ की, जिसके जवाब में पुलिस ने भी कोई कोताही नहीं बरती. सीपीएम के छह कार्यकर्ताओं को हिसारत में लिया गया है. पुलिस के मुताबिक, मुर्शिदाबाद में कार्यकर्ताओं ने पत्थरबाजी और मारपीट की, जिन पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.
सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के विरोध में और अपनी 12 सूत्री मांगों को लेकर कांग्रेस और वाम समर्थित ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर समूचे देश में एक दिवसीय भारत बंद का असर सुबह से ही दिखने लगा है. भारत बंद के दौरान सुरक्षा व्यवस्था भी चरमराई दिखी. कई जगहों पर हिंसक घटनाओं के कारण लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
हड़ताल का ज्यादा असर चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, अहमदाबाद और श्रीनगर में देखने को मिला. यहां प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच कई मौकों पर झड़प भी हुई.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भारत बंद का जबरदस्त असर देखने को मिला. यहां हड़ताल में शामिल नहीं होने वाले ऑटो चालकों को हिंसा का सामना करना पड़ा. हड़तालियों द्वारा ऑटो चालकों को रोककर मारपीट करने की कई घटनाएं सामने आई हैं. इसका असर यह हुआ कि रेलवे स्टेशन, बस अड्डे पर उतरने के बाद यात्रियों को पैदल लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है.