तीन फेज में अनलॉक होगा देश : 8 जून के बाद होटल, रेस्टोरेंट, मॉल्स और धार्मिक स्थल खुलेंगे, सिर्फ कंटेनमेंट जोन में 30 जून तक लॉकडाउन रहेगा
अंतिम प्रवक्ता, 30 मई, 2020। केन्द्र सरकार ने कोरोना लॉकडाउन पर लोगों को बड़ी राहत दी है। गृह मंत्रालय की तरफ से अगले एक महीने यानी 30 जून तक के लिए नई गाइडलाइन्स जारी की है। इसमें कंटेनमेंट जोन (निषिद्ध क्षेत्र) के बाहर सभी तरह की गतिविधियों को फिर से शुरू करने की इजाजत दी गई है, जबकि कंटेनमेंट जोन में 30 जून तक लॉकडाउन को बढ़ा दिया गया है। वहीं, अब एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए किसी पास की इजाजत नहीं होगी।
राष्ट्रव्यापी बंद के नए चरण में अगर राहतों की बात करें तो पहले चरण में धार्मिक स्थल, सार्वजनिक पूजा स्थल, होटल, रेस्टोरेंट और अन्य आतिथ्य सेवाएं और शॉपिंग मॉल्स को 8 जून से खोलने की अनुमति दी जाएगी। वहीं दूसरे चरण में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ विचार-विमर्श के बाद स्कूल, कॉलेज, शैक्षिक/प्रशिक्षण/कोचिंग संस्थान आदि खोले जाएंगे। आखिरी चरण में स्थिति का आकलन करने के बाद अंतररष्ट्रीय हवाई यात्रा, मेट्रो ट्रेन, सिनेमा हाल, जिम, राजनीतिक सभाओं इत्यादि पर निर्णय लिया जाएगा।
इसके साथ ही गृह मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन्स में कहा गया है कि रात में कर्फ्यू के समय की समीक्षा की जाएगी और पूरे देश में अब रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक लोगों के घूमने-फिरने पर प्रतिबंध होगा। वहीं, कंटेनमेंट जोन में लॉकडाउन 30 जून तक जारी रहेगा और इन क्षेत्रों का निर्धारण जिला प्रशासन करेगा।
गृह मंत्रालय ने अपने सात पन्ने के आदेश में तीन बड़ी बातें कही हैं
पहली- देश के सभी कंटेंनमेंट जोन में 30 जून तक लॉकडाउन बदस्तूर जारी रहेगा। अभी देश के 12 राज्यों के 30 शहरों में कंटेनमेंट जोन हैं।
दूसरी- अनलॉक करने की पहली किस्त में देश को तीन फेज में खोलने की तैयारी है। लेकिन इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय एसओपी यानी तौर-तरीके तय करेगा।
तीसरी- देशभर में रात का कर्फ्यू जारी रहेगा। यानी रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक कहीं भी आवाजाही पर रोक लगी रहेगी। हां, जरूरी सेवाओं को इसमें छूट मिलेगी।
पहला फेजः 8 जून के बाद धार्मिक स्थल/इबादत की जगहें, होटल, रेस्टोरेंट और हॉस्पिटैलिटी से जुड़ी सर्विसेस, शॉपिंग मॉल्स ये जगहें खुल सकेंगी
शर्तेंः स्वास्थ्य मंत्रालय इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर जारी करेगा ताकि इन जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रहे और यहां कोरोना न फैले।
दूसरा फेजः स्कूल, कॉलेज, एजुकेशन, ट्रेनिंग और कोचिंग इंस्टिट्यूट राज्य सरकारों से सलाह लेने के बाद ही खुल सकेंगे।
राज्य सरकारें बच्चों के माता-पिता और संस्थानों से जुड़े लोगों के साथ बातचीत कर इस पर फैसला कर सकती हैं।
फीडबैक मिलने के बाद इन संस्थानों को खोलने पर जुलाई में फैसला लिया जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर जारी करेगा।
तीसरा फेजः इंटरनेशनल फ्लाइट्स, मेट्रो रेल, सिनेमा हॉल, जिम, स्वीमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क, थिएटर, बार, ऑडिटोरियम, असेंबली हॉल और इनके जैसी बाकी जगहें।
सोशल, पॉलिटिकल, स्पोर्ट्स एंटरटेनमेंट, एकेडमिक, कल्चरल फंक्शंस, धार्मिक समारोह और बाकी बड़े जमावड़े।
कंटेनमेंट जोन में लॉकडाउन 30 जून, 2020 तक लागू रहेगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के बारे में जानकारी लेने के बाद जिला अधिकारियों द्वारा कंटेनमेंट जोन तय किया जाएगा।
कंटेनमेंट जोन में सिर्फ बेहद जरूरी गतिविधियों की इजाजत दी जाएगी।
मेडिकल इमरजेंसी सर्विसेस और जरूरी सामान और सेवाओं की सप्लाई को छोड़कर इन कंटेनमेंट जोन में लोगों की आवाजाही पर सख्ती से रोक रहेगी।
कंटेनमेंट जोन में गहराई से कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग होगी। घर-घर जाकर निगरानी की जाएगी। अन्य जरूरी मेडिकल कदम उठाए जाएंगे।
राज्यों के बीच और राज्य के अंदर लोगों के मूवमेंट और सामान की आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। इस तरह के मूवमेंट के लिए अलग से इजाजत लेने या ई-परमिट की जरूरत नहीं होगी।
हालांकि, यदि कोई राज्य पब्लिक हेल्थ और उसके असर के कारणों के आधार पर लोगों के मूवमेंट को कंट्रोल करने का प्रस्ताव रखता है तो उसे इस तरह के मूवमेंट से जुड़े प्रतिबंधों के बारे में पहले बड़े पैमाने पर प्रचार करना होगा और जरूरी प्रक्रियाओं को अमल में लाना होगा।
रात 9 बजे से सुबह 5 बजे के बीच जरूरी सेवाओं को छोड़कर किसी भी तरह के मूवमेंट की इजाजत नहीं होगी। इस पर सख्ती से पाबंदी रहेगी। स्थानीय प्रशासन अपने अधिकार क्षेत्र में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत प्रतिबंधों को लागू कर सकेंगे।
राज्य सरकारें कंटेनमेंट जोन के बाहर बफर जोन की पहचान भी कर सकेंगी। ये ऐसे इलाके होंगे, जहां नए मामले आने का खतरा ज्यादा है। बफर जोन के अंदर भी प्रतिबंधों को जारी रखा जा सकता है। अपने क्षेत्रों में हालात का जायजा लेने के बाद राज्य सरकारें कंटेनमेंट जोन के बाहर कुछ गतिविधियों को बैन कर सकती हैं या जरूरी लगने पर प्रतिबंधों को लागू कर सकती हैं।
यात्री ट्रेनों और श्रमिक ट्रेनों के जरिए आवाजाहीय घरेलू हवाई यात्रा, देश के बाहर फंसे भारतीय नागरिकों और विदेश जाने वाले लोगों की आवाजाहीय विदेशी नागरिकों को उनके देश भेजने और भारतीय नाविकों का साइन-ऑन और साइन-ऑफ स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर के मुताबिक होगा।
कोई राज्य पड़ोसी देशों के साथ संधियों के तहत क्रॉस लैंड बॉर्डर कारोबार के लिए किसी भी प्रकार के सामान/कार्गो की आवाजाही नहीं रोकेगा।
65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों, पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों, गर्भवती महिलाओं और 10 साल से कम उम्र के बच्चों को जरूरी और मेडिकल जरूरतों को छोड़कर घर पर रहने की सलाह दी जाती है।
गाइडलाइन के मुताबिक, दफ्तरों और कामकाज की जगहों पर सुरक्षा के लिए इम्प्लॉयर की यह ‘श्रेष्ठ कोशिशें’ रहनी चाहिए कि सभी कर्मचारियों के मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु ऐप इंस्टॉल हो।
लोगों को इस पर अपना हेल्थ स्टेटस अपडेट करना होगा। इससे उन लोगों को फौरन मदद मिल सकेगी, जिन्हें संक्रमण होने का खतरा है।
जिला प्रशासन स्थानीय स्तर पर आरोग्य सेतु ऐप को अपने मोबाइल में इंस्टॉल करने की सलाह देगा।
राज्य और केंद्र शासित सरकारें गाइडलाइन में किसी भी स्थिति में ढील नहीं देंगी, क्योंकि ये डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के तहत जारी की गई है। सभी जिला मजिस्ट्रेट गाइडलाइन का कड़ाई से पालन कराएंगे।
अगर कोई केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 की धारा 51 से 60 और आईपीसी की धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पब्लिक और वर्क प्लेस से जुड़ी कॉमन गाइडलाइन
1. यात्रा के दौरान या किसी पब्लिक प्लेस पर मास्क लगाना जरूरी होगा।
2. पब्लिक प्लेस पर दो लोगों के बीच छह फीट (दो गज) की दूरी जरूरी होगी।
3. बड़ी संख्या में भीड़ इकट्ठा होने पर मनाही रहेगी। शादी समारोह में 50 और अंतिम संस्कार में 20 लोग ही जुट सकेंगे।
4. पब्लिक प्लेस पर थूकने पर जुर्माना लगेगा।
5. जितना ज्यादा संभव हो सके, वर्क फ्रॉम होम को तरजीह दी जाए।
6. कॉमन एरिया में सभी एंट्री और एग्जिट प्वांइट पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था करनी होगी। सैनिटाइजर और हैंड वॉश उपलब्ध कराना होगा।
7. ह्यूमन टच में आने वाली सभी जगहों जैसे दरवाजों के हैंडल को लगातार सैनिटाइज करते रहना होगा।
8. वर्क प्लेस पर सभी इम्प्लॉइज को सोशल डिस्टेंसिंग रखनी होगी।
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