देश के स्पेस प्रोग्राम में प्राइवेट सेक्टर को मौका, इसरो की सुविधाओें का इस्तेमाल करेंगी निजी कंपनियां
अंतिम प्रवक्ता, 16 मई, 2020। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी प्रेस वार्ता में सरकार के आर्थिक पैकेज में भारतीय अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक सुधारों को लिए किए गए फैसलों की जानकारी दी है। वित्तमंत्री ने बताया है कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में प्राइवेट कंपनियों को मौका दिया जाएगा। इसरो की सुविधाओें का प्रयोग भी अब निजी कंपनियां कर पाएंगी। उन्होंने बताया कि परमाणु ऊर्जा से जुड़े सुधार में रिसर्च रीयेक्टर की स्थापना पीपीपी मॉडल में होगी। जिससे कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज में मदद मिलेगी और इससे मानवता की सेवा को बल मिलेगा।
वित्तमंत्री ने कहा, अंतरिक्ष क्षेत्र में इसरो ने भारत को काफी ख्याति दिलाई है। सरकार इस क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाना चाहती है। इसके लिए सरकार उपग्रहों, प्रक्षेपण एवं अंतरिक्ष आधारित सेवाओं को लेकर निजी कंपनियों को लेवल प्लेइंग फील्ड उपलब्ध कराएगी। वित्तमंत्री ने कहा कि रेडिएशन तकनीक से प्याज जैसी खाद्य वस्तुओं की सेल्फ लाइफ बढ़ाने में मदद मिलेगी और किसानों को अधिक मुनाफा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे स्टार्टअप्स के लिए भी एक नया क्षेत्र मिलेगा। उन्होंने कहा, भारत ने करोना वायरस के दौरान और पहले केंसर के लिए भी दुनिया के कई देशों को दवाईयां भेजी हैं। इस दिशा में और आगे बढ़ना है। पीपीपी मॉडल में एकीकृत खाद्य संरक्षण केंद्र स्थापना होगी।
वित्तमंत्री ने ऐलान किया है कि ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड का निगमीकरण उनके कामकाज में सुधार के लिए किया जाएगा। कंपनियों को शेयर बाजार में लिस्ट किया जाएगा। डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में ऑटोमैटिक रूट्स के जरिए एफडीआई की सीमा को 49 से बढ़ाकर 74 फीसद किया जाएगा। करीब 50 नए ब्लॉक खनन के लिए नीलामी पर उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए नियमों में ढील दी जाएगी। कोयला से गैस बनाने के लिए नए आवंटन किए जाएंगे और उन्हें प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसके अलावा पीपीपी मॉडल से 6 हवाई अड्डों को विकसित किया जाएगा, 6 और हवाई अड्डों की तीसरे दौर में नीलामी होगी।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, हम आज 8 क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने जा रहे हैं। कोयला, खनिज रक्षा उत्पादन, हवाई क्षेत्र प्रबंधन, एमआरओ बिजली वितरण कंपनियां, अंतरिक्ष क्षेत्र और परमाणु ऊर्जा। कई क्षेत्रों में नीतियों को सरल बनाने की आवश्यकता है, ताकि लोगों को यह समझना सरल हो कि इस क्षेत्र से क्या मिल सकता है, लोगों की भागेदारी बढ़े और पारदर्शिता आ सके। हम ऐसा करके किसी क्षेत्र के विकास और नौकरियों को बढ़ावा दे सकते हैं।
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