परीक्षा टेस्ट सेंटर में लगी भीषण आग
नई दिल्ली, 07 जुलाई (अंतिम प्रवक्ता)। ओल्ड पालम रोड स्थित परीक्षा टेस्ट सेंटर में दिल्ली विश्वविद्यालय में बीएलएड (बैचलर ऑफ एलीमेंट्री एडूकेशन) कोर्स की ऑनलाइन परीक्षा के दौरान बड़ा हादसा टल गया। परीक्षा के दौरान सेंटर की इमारत में लगे इलेक्ट्रिक पैनल में अचानक आग लग गई। आग लगते ही चारों तरह धुंआ फैल गया और वहां अफरातफरी का माहौल हो गया। आग लगते ही बाहर खड़े छात्राओं के अभिभावक इमारत की उपरी मंजिल पर पहुंच कर उन्हें नीचे लेकर आने लगे। लेकिन इमारत में जाने और निकलने का एक रास्ता होने की वजह से छात्राओं और अभिभावक को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। यहां तीन सौ छात्राएं परीक्षा देने के लिए पहुंची थी सेंटर पर तैनात कर्मचारियों ने आग बुझाने वाले उपकरण से आग पर काबू करने का प्रयास किया। इसी दौरान सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची दमकल की छह गाडियों ने कुछ ही देर बाद आग पर काबू पा लिया। हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ। आपदा प्रबंधन की टीम ने मौके पर पहुंचकर इमारत का निरीक्षण किया और फिर से परीक्षा शुरू की गई।
जानकारी के अनुसार दोपहर करीब 12 बजे परीक्षा टेस्ट सेंटर पर ऑनलाइन परीक्षा होने वाली थी। 11 बजे सभी छात्राएं तीनों मंजिल पर परीक्षा देने के लिए अपनी जगह पर बैठ गई। करीब 11ः29 बजे इमारत के भूतल पर स्थित इलेक्ट्रिक पैनल में अचानक आग लग गई और धुंआ उपर की मंजिल तक पहुंच गया। उसके बाद सभी छात्राएं इधर उधर भागने लगी। अभिभावकों का आरोप है कि इस दौरान किसी ने पहली मंजिल के गेट को बंद कर दिया। जब अपने बच्चों को लेने के लिए अभिभावक उपर पहुंचे तो उन लोगों ने गेट बंद देखकर उसे तोडने लगे। उसके बाद किसी तरह से दरवाजा को खोलकर बच्चों को बाहर निकाला गया। इसी बीच कई लोगों ने दमकल विभाग को घटना की जानकारी दे दी। उधर सेंटर पर मौजूद कर्मचारी उपकरण लेकर आग बुझाने में जुट गए। इसी दौरान दमकल कर्मचारी व आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंची और बच्चों को नीचे उतारने लगे। दमकल कर्मियों ने दस मिनट में आग पर काबू पा लिया। दमकल अधिकारियों ने बताया कि हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ है। शुरूआती जांच में शार्ट सर्किट से आग लगने की बात सामने आई है। फिलहाल पुलिस आग लगने के कारणों की जांच में जुटी है।
आग लगने से पूरी इमारत में धुंआ फैल गया था जिसकी वजह से छात्राओं को सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। कुछ छात्राएं घटना से काफी डरी सहमी हुई थी। जिसकी वजहे से वह सीडियो से नीचे उतरने के लिए तैयार नहीं थी। घटना के आधे घंटे बाद पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद अधिकारियों ने फिर से परीक्षा शुरू करने की अनुमति दी। हालांकि उस समय भी कई छात्राएं उपर की मंजिलों पर जाने के लिए तैयार नही हो रही थी। करीब 45 मिनट की देरी से परीक्षा शुरू हुई।
मौके पर मौजूद अभिभावकों ने बताया कि कई छात्राएं व उनके अभिभावक घटना से काफी डर गए थे। वह अपने बच्चों को बिना परीक्षा दिए ही घर लेकर चले गए। जांच करने पर पता चला कि दस छात्राएं बिना परीक्षा दिए घर चली गई।
परीक्षा केंद्र पर आग लगते ही वहां अफरा-तफरी मच गई। बाहर मौजूद अभिभावक अपने बच्चों को बचाने के लिए इमारत में घुस गए। इस दौरान कई लोग चोटिल भी हो गए। अभिभावकों ने बताया कि पहली मंजिल पर धुंआ भरा हुआ था और इस तल पर मौजूद छात्राएं जान बचाने के लिए जोर जोर से चिल्ला रही थी। उनके चेहरे पर दहशत व्याप्त था। बाहर निकलने वाली कई छात्राओं के मुंह से आवाज तक नहीं निकल रही थी। दूसरी मंजिल पर परीक्षा देने वाली एक छात्रा ने बताया कि वह अपनी सीट पर बैठी थी। इसी दौरान एक छात्रा दौड़ते हुए आई और बताया कि भूतल पर आग लग गई है। उसके बाद वह भागकर पहली मंजिल पर पहुंची। लेकिन वहां धुंआ भरा हुआ था। इस वजह से वह वापस दूसरी मंजिल पर चली गई। छात्रा ने बताया कि सेंटर पर फायर अलार्म नहीं लगे होने की वजह से उन्हें आग लगने की जानकारी नहीं मिल पाई।
घटना के बाद अभिभावकों में काफी रोष था। उनका कहना था कि दिल्ली विश्वविद्यालय को कम से कम उन जगहों पर परीक्षा आयोजित करनी चाहिए थी जहां की इमारत सभी मानकों पर खरी उतरती है। ऐसी जगहों पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र में फायर सुरक्षा को लेकर किसी तरह के इंतजाम नहीं किए गए थे। जहां तीन सौ से ज्यादा छात्राएं परीक्षा दे रही है वहां कम से कम एक दमकल की गाड़ी की मौजूदगी होनी चाहिए थी। अभिभावकों ने बताया कि थोड़ी सी लापरवाही से यहां भी सूरत की तरह हादसा हो सकता था। दिल्ली विश्वविद्यालय को इस ओर ध्यान देना चाहिए था। यह विश्वविद्यालय की सरासर लापरवाही है।
आग लगने की घटना के बाद दक्षिण पश्चिमी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने इमारत की जांच की जिसमें काफी खामियां पाई गई। डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट आफिसर विनोद भारद्वाज ने बताया कि यहां पर काफी लापरवाही सामने आई है। किसी भी व्यावसायिक कार्य के लिए एक नियम के तहत अग्निशमन विभाग से एनओसी लेना जरूरी है लेकिन इस परीक्षा केंद्र को विभाग की एनओसी नहीं थी। उन्होंने बताया कि यहां कोई आपातकालीन दरवाजा भी नहीं था। साथ ही घटना के बाद मुख्य दरवाजे को भी खोला नहीं गया। इमारत की पहली, दूसरी और तीसरी मंजिल पर आग से निपटने के कोई इंतजाम नहीं थे। बिल्डिंग में पानी की भी उचित व्यवस्था भी नहीं थी। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीम ने करीब दो घंटे तक इमारत की जांच की और खामियों को नोट किया। अधिकारियों ने बताया कि इस आधार पर रिपोर्ट तैयार कर सेंटर को नोटिस भेजा जाएगा।
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