पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रम में
1 नई दिल्ली, 30 मई (वेबवार्ता)। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार करने के मुद्दे पर कांग्रेस ने कुछ कहने से इंकार कर दिया, हालांकि पार्टी के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने इसे ‘अटपटा’ करार देते हुए मुखर्जी के इस कदम पर सवाल खड़े कर दिए। दीक्षित ने कहा कि कांग्रेस में रहते हुए मुखर्जी हमेशा आरएसएस के विचारों के खिलाफ रहे तो आखिर वह इस संगठन के कार्यक्रम में क्यों शामिल हो रहे हैं।
भाजपा ने मुखर्जी का बचाव किया कि आरएसएस कोई पाकिस्तान का आईएसआई नहीं है। यह राष्ट्रवादियों का संगठन है। दीक्षित ने कहा, ‘प्रणब दादा के संघ के बारे में लगभग वही विचार रहे हैं जो कांग्रेस के रहे हैं कि आरएसएस एक फासीवादी संगठन है। आरएसएस की मूल विचाराधारा ही कांग्रेस के खिलाफ है। मुझे यह अटपटा लग रहा है कि आखिर वह उनके कार्यक्रम में क्यों शामिल होने जा रहे हैं?’
यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार किया है तो पूर्व सांसद दीक्षित ने कहा, ‘मुझे व्यक्तिगत तौर पर लगता है कि पार्टी को बुरा जरूर लगा होगा। वैसे, आगे पार्टी की आधिकारिक टिप्पणी का इंतजार करिए।’ इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता टॉम वड़क्कन ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘फिलहाल इस मामले पर हम कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। इस कार्यक्रम को होने दीजिये। उसके बाद हम कुछ कह सकेंगे।’
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज यह कहकर मुखर्जी का बचाव किया कि आरएसएस कोई पाकिस्तान का आईएसआई नहीं है। यह राष्ट्रवादियों का संगठन है। गडकरी ने कहा, ‘आरएसएस पाकिस्तान का आईएसआई नहीं है। आरएसएस राष्ट्रवादियों का संगठन है।’
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