भारत कोविड-19 की लड़ाई में कई देशों से बेहतर, फिर भी 2 गज की दूरी जरूरी : प्रधानमंत्री
अंतिम प्रवक्ता, 27 जून, 2020। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार का मार्गदर्शन भारत का संविधान करता है और इसलिए सरकार धर्म, लिंग, जाति, नस्ल या भाषा के आधार पर भेदभाव नहीं करती है तथा 130 करोड़ भारतीयों को सशक्त बनाने की इच्छा इसके नेतृत्व के मूल में है। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से केरल के पथनमथिट्टा में जोसेफ मारथोमा मेट्रोपोलिटन के 90वें जयंती समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘हमने दिल्ली में आरामदायक सरकारी कार्यालयों से फैसले नहीं लिए, बल्कि जमीनी स्तर पर लोगों से प्रतिक्रिया लेने के बाद निर्णय किए हैं।’ मोदी ने कहा, ‘यही भावना है जिसने सुनिश्चित किया कि प्रत्येक भारतीय के पास बैंक में खाता हो।’ उन्होंने इस बात पर बल दिया कि भारत सरकार धर्म, लिंग, जाति, भाषा या नस्ल के आधार पर भेदभाव नहीं करती है। प्रधानमंत्री ने सभा से कहा, ‘हम 130 करोड़ भारतीयों को सशक्त बनाने की इच्छा से निर्देशित होते हैं और हमारा मार्गदर्शन भारत का संविधान करता है। ’कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई का संदर्भ देते हुए मोदी ने कहा कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन, लोगों द्वारा लड़ी गई लड़ाई और सरकार द्वारा शुरू की गई कई पहलों की वजह से भारत कई राष्ट्रों के मुकाबले बेहतर स्थिति में है।उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना संक्रमण से उबरने की दर बढ़ रही है। लोगों द्वारा लड़ी गई लड़ाई ने अब तक अच्छे परिणाम दिए हैं लेकिन आगाह किया कि लोगों को इस खतरे के प्रति लापरवाह नहीं होना चाहिए। मोदी ने कहा, ‘असल में, हमें अब और सतर्क होने की जरूरत है। मास्क पहनना, सामाजिक दूरी का पालन करना और भीड़-भाड़ वाली जगह जाने से बचना अब भी जरूरी बना हुआ है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि मारथोमा गिरजाघर प्रभु ईसा मसीह के दूत, संत थॉमस के नेक विचारों से करीब से जुड़ा है। इसी विनम्रता की भावना के साथ मारथोमा गिरजाघर ने भारतीयों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में काम किया है। उन्होंने शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्रों में बहुत कुछ किया है। मोदी ने कहा कि जोसेफ मारथोमा ने अपना जीवन समाज एवं राष्ट्र की बेहतरी के लिए समर्पित किया है। उन्होंने गरीबी उन्मूलन एवं महिला मुद्दों को लेकर खास तौर पर काम किया है।
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