मनोज तिवारी ने दिल्ली में ठप्प हुये विकास कार्यों के लिये केजरीवाल सरकार की निंदा की
3 जनवरी एक पत्रकार सम्मेलन में दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इंद्रपुरी गैस गोदाम झुग्गी बस्ती में अपने रात्रि प्रवास के दौरान हुये अनुभवों को पत्रकारों के साथ सांझा किया और कहा कि:-
ऽ केजरीवाल सरकार के प्रति जनता का पूर्णतः मोह भंग हो गया है और वे केजरीवाल सरकार द्वारा राजनीतिक रूप से और भावनात्मक रूप से ठगा हुआ महसूस कर रही है।
ऽ झुग्गी निवासियों ने यह बताया कि स्थानीय विधायक वहां आते नहीं और विकास का कार्य अथवा रख-रखाव कार्य रूका पड़ा है।
ऽ गैस गोदाम झुग्गी बस्ती में महिलाओं ने पानी की सप्लाई न होने, शौचालयों में गंदगी होने की शिकायत की क्योंकि बोरवेल का पानी पिछले 18 महीनों से नहीं आ रहा है और नहाने आदि का स्थान भी नहीं है। वहां की स्थिति देखकर दुख होता है कि झुग्गीवासी शौच पर शौच करने के लिये विवश हैं।
ऽ स्कूल के छात्रों ने नजदीक के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की कमी की शिकायत की साथ ही वोकेशलन शिक्षा कार्यक्रमों के आभाव की शिकायत भी की।
ऽ लोगों ने साधारणतया पी.डी.एस. के माध्यम से राशन की सप्लाई कम होने, मोहल्ला क्लीनिकों में नादारद डाॅक्टरों एवं दवा की भी शिकायत की और कहा कि मोहल्ला क्लीनिक नाम आने के बाद से मोबाइल डिस्पेंसरियां भी गायब हो गई हैं और उन्होंने समुदाय भवन, आंगनवाड़ी केन्द्र लगभग एक वर्ष से बंद रहने का भी मुद्दा उठाया।
मनोज तिवारी ने कहा कि गैस गोदाम झुग्गी बस्ती में ठहरने के बाद पूरी दिल्ली से सभी वर्ग के लोगों ने उनसे बात की और दिल्ली में विकास कार्य ठप्प हो जाने के कारण दयनीय स्थिति के बारे में शिकायत की। पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी इसी प्रकार की रिपोर्ट दी है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि केजरीवाल सरकार दिल्ली में लगभग 2 वर्षों से शासन में है और दिल्ली में कोई भी विकास की परियोजना नहीं शुरू की गई है जबकि मोहल्ला क्लीनिकों की स्कीम, सभी को मुफ्त जल का प्रदाय की स्कीम लगभग ठप्प हो गई है। जल मंत्री के भी क्षेत्र में पानी की सप्लाई अपने न्यूनतम स्तर पर है। बदरपुर, छतरपुर, बिजवासन और महिपालपुर क्षेत्रों की बात ही करना व्यर्थ है। सभी के लिये मुफ्त पानी की सप्लाई स्कीम एक उपहास का विषय बनकर रह गई है और मोहल्ला क्लीनिक भी फ्लाॅप शो साबित हुये हैं।
ऐसा प्रतीत होता है कि केजरीवाल सरकार को अपना राजनीतिक भविष्य कमजोर दिखने लगा है और इस कारण वह जनता के बीच जाने से बच रही है। अप्रैल में होने वाले निगम चुनावों को टालने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार नगर निगमों के वार्डों के परिसीमन के कार्य में विलम्ब कर रही है।
मनोज तिवारी ने घोषणा की कि दिल्ली भर से मिले लोगों के अनुरोधों को स्वीकार करते हुये उन्होंने झुग्गी बस्तियों, पुनर्वास कालोनियों, अनधिकृत कालोनियों, दिल्ली देहात, शहरीकृत गांव और यहां तक की शहरी क्षेत्र में भी लोगों की समस्या का प्रत्यक्ष अनुभव करने के लिये जाने का निर्णय लिया है और अगले महीने दिल्ली भाजपा केजरीवाल सरकार के विकास के झूठे दावों पर एक रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करेगी।