11 दलो को मिला कर बना तीसरा मोर्चा
चुनाव के लिए तीसरे मोर्चे ने ताल ठोंक दी है. दिल्ली में तीसरे मोर्चे की 11 दलों की बैठक हुई. इसके बाद एक साझा प्रेस कांफ्रेंस में जनता के मुद्दे पर चुनाव लड़ने ,कांग्रेस, और बीजेपी का विकल्प देने का ऐलान किया. प्रेस कांफ्रेंस में
सीपीएम महासचिव प्रकाश करात, सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव, जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, सीपीआई के एबी बर्धन, जेडीएस के देवगौड़ा आदि मौजूद थे. करात ने बताया कि कुछ जरूरी वजहों से असम गण परिषद और बीजेडी के अध्यक्ष कुछ वजहों से इस बैठक में शामिल नहीं हो सके, लेकिन वे तीसरे मोर्चे के साथ हैं. तीसरे मोर्चे की अगुवाई के सवाल पर जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि यह थर्ड फ्रंट नहीं, फर्स्ट फ्रंट है. उन्होंने कहा, ‘हमारे यहां पीएम को लेकर कभी झगड़ा नहीं रहा. चाहे मोरारजी हों, देवगौड़ा हों या गुजराल साहब हों. हमारे यहां कोई झगड़ा नहीं है. सीपीएम नेता करात ने कहा कि तीसरे मोर्चे का पीएम उम्मीदवार कौन होगा, इस पर फैसला चुनाव के बाद लिया जाएगा. आरजेडी विधायकों को तोड़ने का आरोप झेल रहे बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी यहां मौजूद थे. उन्होंने कहा कि अब वह दोबारा बीजेपी से संबंध तो दूर, संपर्क भी नहीं करेंगे. गौरतलब है कि जेडीयू बीजेपी के अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन में लंबे समय तक शामिल रही है. मोदी को पीएम उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद जेडीयू ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया था. इस मौके पर प्रकाश करात ने तीसरे मोर्चे की साझा घोषणा पढ़कर सुनाई. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के राज में करप्शन, महंगाई और असमानता बढ़ी है, इसलिए हम कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने के लिए काम करेंगे और जहां तक बीजेपी की बात है. वह भी कांग्रेस से अलग नहीं है. करप्शन के स्तर पर भी उनका रिकॉर्ड वैसा ही है.’ मोदी की पीएम उम्मीदवारी को करात ने सांप्रदायिक सद्भाव के लिए खतरा बताया और कहा कि वह बीजेपी और इसके सहयोगी दलों को सत्ता में नहीं आने देंगे सपा प्रमुख मुलायम ने कहा कि अभी हम 11
दल एक साथ हैं, पर संख्या बढ़ सकती है