बजट में दिल्ली को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में 325 करोड़ रूपये आवंटित
नयी दिल्ली, 05 जुलाई (अंतिम प्रवक्ता)। केंद्रीय करों में दिल्ली की हिस्सेदारी बढ़ाने की आप सरकार की मांग को पेश किए गए केंद्रीय बजट में भी पूरी नहीं हुई और राष्ट्रीय राजधानी को 325 करोड़ रूपये आवंटित किए गए, जो पिछले 18 वर्षों से आवंटित हो रही राशि जितनी ही है। दिल्ली सरकार ने केंद्रीय करों और शुल्कों में अपनी हिस्सेदारी के बदले में 6,000 करोड़ रूपये की मांग की थी लेकिन उसे इसका बहुत छोटा सा हिस्सा ही मिला। बजट दस्तावेजों के मुताबिक दिल्ली को केंद्रीय करों और शुल्कों में अपनी हिस्सेदारी के बदले में अनुदान के तौर पर 325 करोड़ रूपये मिले, जबकि गृह मंत्रालय से दिल्ली को कुल अंतरण 2018-19 के 867.49 करोड़ रूपये से बढ़ा कर 1,112 करोड़ रूपये किया गया है। गौरतलब है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पिछले महीने बुलाई गई बजट पूर्व बैठक में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के तौर पर राष्ट्रीय राजधानी के लिए 6,000 करोड़ रूपये की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि इस शहर को पिछले 18 साल से सिर्फ 325 करोड़ रूपया ही मिलता आ रहा है। मई में हुए लोकसभा चुनाव में भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित आप सरकार ने यह मुद्दा उठाया था। केजरीवाल और सिसोदिया ने हाल ही में सीतारमण से मुलाकात की थी और यह बताया था कि दिल्ली केंद्र के खजाने में आयकर राजस्व के तौर पर करीब 1.5 लाख करोड़ रूपये का योगदान करती है। हालांकि, इसके बदले में उसे महज 325 करोड़ ही मिलते हैं। गृह मंत्रालय से दिल्ली को अंतरित राशि में सिख विरोधी दंगा पीड़ितों के लिए बढ़ाई गई मुआवजे की राशि के तौर पर 10 करोड़ रूपये और चंद्रावल जल शोधन संयंत्र के लिए 300 करोड़ रूपये की अतिरिक्त केंद्रीय सहायता भी शामिल है।
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