लोकतंत्र केवल अपनी बात मनाने का नाम नहीं, लोकतंत्र का मतलब होता है सबसे साथ समन्वय बनाकर सुशासन देना, यदि वह भाजपा एवं कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्रियों की तरह उपराज्यपाल से संवैधानिक समन्वय बनाकर चलें तो कोई कारण नहीं कि उनके लिये गये निर्णय रोके जायें-आदेश गुप्ता
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली, 17 मार्च 2021। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून में संशोधन को लेकर आम आदमी पार्टी द्वारा चलाया जा रहा आंदोलन पूरी तरह अनावश्यक है, क्योंकि केन्द्र सरकार जो संशोधन कर रही है वह माननीय सवोच्च न्यायालय के निर्देश अनुसार तो है ही, साथ ही इस स्थिति के निर्माण के लिये आम आदमी पार्टी स्वयं दोषी है।
आदेश गुप्ता ने कहा कि केन्द्र शासित प्रदेश दिल्ली देश की राजधानी है यहां स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह होते हैं, नई दिल्ली स्थित सरकारी भवनों के साथ ही राजनैयीक क्षेत्र भी है। समय-समय पर जैसे जनवरी, 2014 में राजपथ पर धरना देकर एवं गणतंत्र दिवस के बहिष्कार की बात कर, 2015 में दिल्ली में जल संकट होने पर नई दिल्ली क्षेत्र की जल सप्लाई बाधित करने की घोषणा कर, जून 2018 में उपराज्यपाल आवास के अंदर धरना देकर और अभी जनवरी, 2021 में लाल किले की गरिमा भंग करने वालों को नैतिक समर्थन देकर अरविन्द केजरीवाल सरकार ने स्वयं ऐसी परिस्थितियों का निर्माण किया जिनके चलते यह आवश्यक हो गया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की प्रशासनिक गरिमा को सुरक्षित किया जाये।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि केवल दिल्ली ही नहीं सभी केन्द्र शासित प्रदेशों पुडुचेरी एवं जम्मू कश्मीर जिनके पास अपनी विधानसभा है वहां भी उपराज्यपाल के पास कुछ अतिरिक्त संवैधानिक अधिकार रहते हैं, इसलिये यह कहना कि दिल्ली सरकार के अधिकारों का हनन किया जा रहा है पूर्णतः असत्य होगा।
आदेश गुप्ता ने कहा है कि आज जो आम आदमी पार्टी सत्ता को लेकर संघर्ष कर रही है, प्रदर्शन कर रही है, वह दिल्ली के प्रति जवाबदेह है कि आखिर क्यों उसने 2015 से आज तक नगर निगमों को फंड के संवैधानिक अधिकार से वंचित रखा है और साथ ही आखिर क्यों दिसम्बर, 2020 में मुख्यमंत्री आवास के बाहर फंड की मांग को लेकर धरने पर बैठे महापौरों से बात भी करने से इंकार कर दिया।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि अरविन्द केजरीवाल को समझना होगा कि लोकतंत्र केवल अपनी बात मनाने का काम नहीं, लोकतंत्र का मतलब होता है सबके साथ समन्वय बनाकर सुशासन देना, यदि वह भाजपा एवं कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्रियों की तरह उपराज्यपाल से संवैधानिक समन्वय बनाकर चलें तो कोई कारण नहीं कि उनके लिये गये निर्णय रोके जायें।
गुप्ता ने कहा कि सर्वाधिक आश्चर्य तो हमें कांग्रेस को प्रदर्शन करते देख हो रहा है, कांग्रेस 1998 से 2013 तक दिल्ली में सत्ता में रही और अधिकांश समय केन्द्र में भी उनकी सत्ता थी, तब उन्होंने क्यों नहीं दिल्ली की स्थानीय सरकार के संवैधानिक अधिकार बढ़ा दिये जैसा कि आज वह मांग कर रहे हैं। कांग्रेस काल में अधिकांश समय पी चिदम्बरम गृह मंत्री रहे पर दिल्ली की स्थानीय सरकार के अधिकार नहीं बढ़ाये और आज वही श्री चिदम्बरम स्थानीय सरकार के अधिकार बढ़ाने की मांग करते हैं तो हास्यास्पद लगता है।
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