बचपन व वर्तमान सुरक्षित तो देश का भविष्य सुरक्षित : योगी आदित्यनाथ
अंतिम प्रवक्ता, 16 सितंबर (लखनऊ)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में राष्ट्रीय पोषण माह के शुभारम्भ अवसर पर कहा कि बचपन व वर्तमान सुरक्षित है तो देश का भविष्य भी सुरक्षित है। धात्री महिलाओं, किशोरी कन्याओं व बच्चों को जोड़कर भारत के भविष्य को स्वस्थ व सक्षम बनाने में सभी योगदान दें। मां स्वस्थ होगी तो वर्तमान स्वस्थ रहेगा। कन्या, बालक सुपोषित होगा तो हमारा बचपन स्वस्थ व समाज-राष्ट्र सशक्त होगा। शिक्षा व स्वास्थ्य समाज की बुनियादी आवश्यकताएं हैं। आधारशिला यहीं से खड़ी हो सकती है। अच्छी व उत्तम शिक्षा बच्चे के सुनहरे भविष्य के साथ समाज व राष्ट्र की नींव को मजबूत करने का आधार बनता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी ने पांच वर्ष से पोषण माह को मिशन मोड पर लेकर बढ़ाया है। तकनीक से जुड़कर अधिक से अधिक लोगों तक शासन की इन योजनाओं का लाभ पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि 60 हजार से अधिक महिला स्वयंसेवी समूहों को जोड़ा गया है। शराब बेचने वाले ईमानदारी से पोषाहार बेच रहे हैं। हर जिले में नए प्लांट लग रहे हैं। पोषाहार व फूड को समुचित तरीके से पहुंचाया जा रहा है। सबसे बड़ी आबादी का राज्य चुनौतियों के बावजूद सफलता की कहानी कह रहा है।
सीएम ने कहा कि 1.70 करोड़ बच्चे आंगनबाड़ी केंद्रों से अपना भविष्य सुरक्षित करते हैं। सक्षम बचपन से सक्षम जवानी आए, देश को प्रतिभावान नौजवान मिलें तो उसकी नींव मजबूत करने की जिम्मेदारी आपकी है। आंगनबाड़ी बहनें बच्चों को रोचक तरीके से अक्षर व शब्द ज्ञान कराती हैं। बचपन को उद्धरण के माध्यम से रोचक जानकारी देते हैं तो बच्चों की नींव मजबूत होती है। उन्होंने हौसला बढ़ाते हुए कहा कि कोविड के दौरान आंगनबाड़ी बहनों के प्रयासों की सभी ने सराहना की। मुख्यमंत्री ने विभाग की पुस्तिका हर आंगनबाड़ी केंद्रों में पहुंचाने को कहा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बटन दबाकर 501 आंगनबाड़ी केंद्रों का लोकार्पण व 199 केंद्रों का शिलान्यास किया। पोषण मैन्युअल ‘सक्षम‘ तथा विभाग की 5 वर्षों की उपलब्धियों की पुस्तिका ‘सशक्त आंगनबाड़ी‘ का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने ‘सहयोग‘ व ‘बाल पिटारा‘ ऐप लांच किया। साथ ही ‘दुलार‘ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इन केंद्रों का लोकार्पण/शिलान्यास कर संतुष्टि हो रही है। इस दौरान उन्होंने बच्चों का अन्नप्राशन व गर्भवती की गोदभराई भी की। बच्चों को दुलारा-पुचकारा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में हमारी सरकार बनी तो उस समय एक लाख 89 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों में से कई के पास खुद का भवन नहीं था। उन सभी को चिह्नित कर 21 हजार 700 केंद्रों के पक्के भवन बनाए गए। कोरोना में हमारी गति थोड़ी बाधित हुई अन्यथा सभी केंद्रों को प्री-प्राइमरी के रूप में आगे बढ़ा लिए होते।
2017 में सीएम बनने के दौरान चुनौती थी कि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में यूपी सबसे फिसड्डी होता था, पर पांच वर्ष के अथक परिश्रम की बदौलत एनीमिया में नेशनल एवरेज में यूपी की स्थिति सुधरी। खून की कमी से उबरने में उत्तर प्रदेश सफल हुआ। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को काफी हद तक नियंत्रित करने में भी हमने सफलता पाई। इससे पता चलता है कि हम सही दिशा में प्रयास कर रहे और आगे बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम ने पोषण माह को राष्ट्रीय अभियान के रूप में लिया है। उनकी प्रेरणा व मार्गदर्शन में देश में पोषण माह मजबूती से बढ़ा है। उत्तर प्रदेश ने भी इसमें सफलता पाई है। सीएम ने कहा कि कई बार डाटा (परिणाम) अच्छे होने के बावजूद कार्यों को अपलोड न करने के कारण हम पिछड़ते हैं, इसलिए हर डाटा को अपलोड करें। जनपद व शासन स्तर पर मॉनीटरिंग होगी तो सारी जानकारी मिल जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी ने राज्यपाल का आभार जताया और कहा कि उन्होंने केंद्रों को गोद लेने की कार्रवाई को बढ़ाया। एक लाख 89 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों को जनप्रतिनिधि, शासकीय, प्रशासनिक, पुलिस, शिक्षा विभाग के साथ समाज के समक्ष तबके को गोद दें। इन्हें गोद लेकर हम सभी बड़ी भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं। बता दें कि अभी तक 9963 केंद्रों को गोद लिया जा चुका है।
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