अटल सुरंग हिमाचलए लद्दाख के लोगों के लिए वरदान साबित होगा रू शाह
अटल सुरंग हिमाचलए लद्दाख के लोगों के लिए वरदान साबित होगा रू शाह
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 04 अक्टूबर । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि रोहतांग में निर्मित दुनिया की सबसे लंबी अटल सुरंग हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के लोगों के लिए वरदान साबित होने वाला है। इससे न सिर्फ देश की सामरिक तैयारियों को बल मिलेगा बल्कि क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्यए व्यापार और अन्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में 10 हजार फीट की ऊंचाई पर निर्मित ष्ष्अटल सुरंगष्ष् का आज उद्घाटन किया। मनाली को लाहौल.स्पीति घाटी से जोड़ने वाली 9ण्02 किलोमीटर लंबी अटल सुरंग दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है। सामरिक रूप से महत्वपूर्ण यह सुरंग हिमालय की पीर पंजाल श्रृंखला में औसत समुद्र तल से 10 हजार फीट की ऊंचाई पर अति.आधुनिक विशिष्टताओं के साथ बनाई गई है। शाह ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहाए ष्ष्अटल सुरंग पूरे क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगी। लोगों को अब बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएंए व्यवसाय के मौके और आवश्यक सामग्रियां उपलब्ध हो सकेंगी। यह हमारी रक्षा तैयारियों को बल देने के साथ ही पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा भी देगा।ष्ष् उन्होंने कहा कि आज का दिन पूरे देश के लिए ऐतिहासिक है क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दूरदृष्टि सच हुई है। उन्होंने कहाए ष्ष्इंजीनियरिंग का उत्कृष्ट नमूना अटल सुरंग के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद। इस अभुतपूर्व परियोजना को पूरा करने के लिए सीमा सड़क संगठन को भी बहुत बहुत बधाई।ष्ष् शाह ने कहा कि यह दुनिया की सबसे लंबी सुरंग है जो लेह और मनाली के बीच यात्रा के समय में चार से पांच घंटे की कमी लाएगी। इस सुरंग से मनाली और लेह के बीच की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी। अटल सुरंग को अधिकतम 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के साथ प्रतिदिन 3000 कारों और 1500 ट्रकों के यातायात घनत् व के लिए डिजाइन किया गया है। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने रोहतांग दर्रे के नीचे सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस सुरंग का निर्माण कराने का निर्णय किया था और सुरंग के दक्षिणी पोर्टल पर संपर्क मार्ग की आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गई थी। मोदी सरकार ने दिसम्बर 2019 में पूर्व प्रधानमंत्री के सम्मान में सुरंग का नाम अटल सुरंग रखने का निर्णय किया था।
आरआईएनएल ने अटल सुरंग के लिए 8ए500 टन इस्पत की आपूर्ति की
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 04 अक्टूबर । सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी राष्ट्रीय इस्पात निगम लिण् ;आरआईएनएलद्ध ने सभी मौसमों के अनुकूल अटल सुरंग के लिए 8ए500 टन से अधिक के इस्पात की आपूर्ति की है। इस सुरंग से मनाली और लेह की दूरी 46 किलोमीटर घट जाएगी और यात्रा के समय में चार से पांच घंटे की कमी आएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में 10 हजार फुट की ऊंचाई पर निर्मित ष्ष्अटल सुरंगष्ष् का उद्घाटन किया। इसकी लंबाई 9ण्02 किलोमीटर है जो मनाली को लाहौल.स्पीति घाटी से जोड़ेगी। इससे पहले यह घाटी भारी बर्फबारी के कारण लगभग छह महीने तक संपर्क से कटी रहती थी। आरआईएनएल ने बयान में कहा कि उसने इस विशाल परियोजना के लिए 8ए500 टन से अधिक के इस्पात की आपूर्ति कर अपना योगदान दिया। इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बयान में कहाए ष्ष्सामरिक रूप से महत्वपूर्ण पीर पंजाल श्रृंखला में बनाई गई इस सुरंग से मनाली और लेह के बीच की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी और यात्रा का समय भी चार से पांच घंटे कम हो जाएगा। इससे हिमाचल और लद्दाख के दूरदराज के सीमा क्षेत्रों के लिए संपर्क बेहतर हो सकेगा और क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।ष्ष् आरआईएनएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पी के रथ ने कहा कि कंपनी भी राष्ट्र के साथ प्रधानमंत्री का 10ए000 फुट की ऊंचाई पर बने इंजीनियरिंग के इस बेहतरीन उदाहरण के उद्घाटन के लिए आभार जताती है।
आईटी मंत्रालय कृत्रिम मेधा आधारित कार्यक्रमों पर नीति के लिए मंत्रिमंडल से मंजूरी मांगेगा
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 04 अक्टूबर । इलेक्ट्रानिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ;एमईआईटीवाईद्ध कृत्रिम मेधा आधारित कार्यक्रमों पर नीति के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी मांगेगा। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शनिवार को बताया कि मंत्रालय भाषायी बाधा जैसी चुनौतियों का समाधान करने के लिए कृत्रिम मेधा के इस्तेमाल पर विचार कर रहा है और उम्मीद है कि इस संबंध में कार्यक्रम शुरू करने के लिए एक महीने में मंजूरी मिल जाएगी। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि भारत कृत्रिम मेधा पर एक कार्यक्रम ष्राइज 2020ष् ;सामाजिक सशक्तिकरण के लिए जवाबदेह कृत्रिम मेधाद्ध का आयोजन कर रहा हैए जिसका उद्घाटन सोमवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। राष्ट्रीय ई.प्रशासन प्रभाग और मायगव के सीईओ अभिषेक सिंह ने कहा कि आईटी मंत्रालय जल्द ही एआई आधारित कार्यक्रमों को शुरू करने की नीति के लिए कैबिनेट से मंजूरी मांगेगा। कांत ने कहा कि इस प्रस्ताव के ब्यौरे पर अभी चर्चा नहीं की जा सकती हैए लेकिन उन्हें उम्मीद है कि नीति एक महीने या थोड़ा अधिक समय में लागू हो जाएगी।
देश का कृषि बजट 2009.10 से 11 गुना बढ़कर 1ण्34 लाख करोड़ रुपये हुआ रू गंगवार
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 04 अक्टूबर । श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने शनिवार को कहा कि कृषि मंत्रालय का बजटए वर्ष 2009.10 में यूपीए शासन के दौरान के 12ए000 करोड़ रुपये से 11 गुना बढ़कर 1ण्34 लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह किसानों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार पर लगातार निशाना साधा जा रहा है। इन कानूनों का उद्देश्य किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए विपणन की स्वतंत्रता देना है। हालांकिए ऐसी आशंकाएं हैं कि किसानों को उनकी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य ;एमएसपीद्ध व्यवस्था समाप्त कर दी जायेगी। एमएसपी वह मूल्य है जो सरकारए किसानों को उनकी उपज के लिए सुनिश्चित करती है। कृषि मंत्रालय के बजट में वृद्धिए समर्थन मूल्य पर खाद्यान्नों और अन्य कृषि उपज की खरीद पर सरकारी खर्च में काफी वृद्धि का संकेत देती है। एमएसपी किसानों को बाजार में उतार.चढ़ाव से बचाता है। मंत्री ने कहाए श्प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्ष 2014 में पदभार संभालने के बाद से गांवोंए किसानोंए गरीबों और कृषि की निरंतर प्रगति हुई है। उन्होंने कहाए ष्ष्वर्ष 2009.10 में कृषि मंत्रालय का बजट सिर्फ 12ए000 करोड़ रुपये थाए जिसे 11 गुना बढ़ाकर 1ण्34 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।ष्ष् वह पीएचडीसीसीआई द्वारा आयोजित . ष्ष्पूंजी बाजार और जिंस बाजार पर वर्चुअल वार्षिक सम्मेलनरू आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में वित्तीय बाजार की भूमिकाष्ष् विषय पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि नए कृषि कानूनों से किसानों को बहुत लाभ होगा क्योंकि वे अपनी उपज को अन्य राज्यों में भी बेहतर कीमतों पर बेच सकेंगे। मंत्री ने एमएसपी व्यवस्था को समाप्त किये जाने को लेकर फैली आशंकाओं को दरकिनार करते हुए कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ;संप्रगद्ध के शासनकाल के मुकाबले फसलों के समर्थन मूल्य में भारी वृद्धि हुई है। उन्होंने सामाजिक सुरक्षाए औद्योगिक संबंधों और व्यावसायिक सुरक्षाए स्वास्थ्य और कामकाज की परिस्थिति पर संसद द्वारा पारित की गई तीन प्रमुख श्रम संहिताओं के बारे में भी कहा कि इन सुधारों से श्रमिकों को आने वाले दिनों में आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी। गंगवार ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति ने तीन श्रम कानूनों पर अपनी सहमति दे दी है। उन्होंने कहा कि ये श्रम संहिताएं कारोबार सुगमता की स्थिति को बेहतर करेंगी। उन्होंने कहा उद्योग और श्रमिक एक.दूसरे के पूरक होंगे और इसलिए उन्हें बदलते समय के साथ मिलकर काम करना होगा। उन्होंने उद्योग जगत के अग्रणी लोगों से भारत को 5ए000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के अंतिम लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार के साथ सहयोग करने की अपील की।
केंद्र ने न्यायालय से कहाए छह महीने के लिए दो करोड़ तक के कर्ज के ब्याज पर ब्याज की होगी छूट
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 04 अक्टूबर । बैंक से कर्ज लेने वाले आम लोगों और छोटे तथा मझोले कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए केंद्र ने शनिवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि कोविड.19 महामारी के दौरान घोषित किए गए किस्त स्थगन के तहत दो करोड़ रुपये तक के कर्ज के ब्याज पर ब्याज छह महीने के लिए नहीं लिया जाएगा। केंद्र ने कहा कि इस संबंध में सरकार अनुदान जारी करने के लिए संसद से उचित अधिकार मांगेगी। यह अनुदान सरकार द्वारा पहले घोषित किए गए गरीब कल्याण और आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत एमएसएमई ;सूक्ष्मए लघु व मझोले उद्यमोंद्धको दिए गए 3ण्7 लाख करोड़ रुपये और आवास ऋण के लिए दिए गए 70ए0000 करोड़ रुपये के सहाता पैकेज के अतिरिक्त होगा। भारत सरकार की तरफ से वित्त मंत्रालय द्वारा दिए गए एक हलफनामे में अदालत से कहा गया है कि किस्त स्थगन की अवधि के दौरान ब्याज पर ब्याज के संबंध में खास श्रेणियों में सभी कर्जदारों को राहत मिलेगीए चाहें उन्होंने किस्त स्थगन का लाभ उठाया हो या नहीं। हलफनामे में कहा गयाए ष्ष्इसलिएए सरकार ने फैसला किया है कि छह महीने की किस्त स्थगन अवधि के दौरान चक्रवृद्धि ब्याज की माफी कर्जदारों की सबसे कमजोर श्रेणी तक सीमित होगी। कर्जदारों की इस श्रेणी के तहत दो करोड़ रुपये तक के एमएमएमई ऋण और व्यक्तिगत ऋण पर ब्याज पर ब्याज माफ किया जाएगा।ष्ष् सरकार ने ऋणों को आठ श्रेणियों में बांटा हैए जिनमें एमएसएमई ;सूक्ष्मए लघु और मध्यम उद्योगद्धए शिक्षाए आवासए उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएंए क्रेडिट कार्ड बकायाए ऑटो ऋणए व्यक्तिगत ऋण और उपभोग आधारित ऋण शामिल हैं। सरकार ने हलफनामे में आगे कहा है कि कोई भी व्यक्ति या संस्था जिसकी ऋण राशि दो करोड़ रुपये से अधिक हैए वह ब्याज पर ब्याज से छूट के लिए पात्र नहीं होगा। हलफनामे में कहा गया है कि समग्र परिस्थितियों पर ध्यानपूर्वक विचार करने के बाद और सभी संभावित विकल्पों का मूल्यांकन करने के बाद सरकार ने छोटे कर्जदारों की मदद करने की परंपरा को जारी रखने का फैसला किया है। इससे पहले कई पक्षों ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर 27 मार्च के आरबीआई के उस परिपत्र की वैधता को चुनौती दी गई थीए जिसमें उसने कर्ज देने वाले संस्थानों को एक मार्च 2020 से 31 मई 2020 के बीच ऋण की किस्तों के स्थगन की इजाजत दी थी। बाद में किस्त स्थगन की अवधि को 31 अगस्त तक बढ़ा दिया गया। इन याचिकाओं के जवाब में केंद्र ने यह हलफनामा दाखिल किया। इससे पहले इस मामले में सुनवाई के दौरान केंद्र ने शीर्ष अदालत से कहा था कि स्थगन अवधि के दौरान टाली गई किस्तों पर ब्याज माफी उन लोगों के मद्देनजर अनुचित होगीए जिन्होंने समय पर किस्तें चुकाई हैं। केंद्र ने ताजा हलफनामे में कहा कि चक्रवृद्धि ब्याज को माफ करने का वित्तीय बोझ बहुत अधिक होगा और बैंकों के लिए जमाकर्ताओं पर वित्तीय प्रभाव डाले बिना इस बोझ को वहन करना असंभव हैए जो व्यापक राष्ट्रीय आर्थिक हित में भी नहीं होगा। हलाफनामे में कहा गया कि इन परिस्थितियों में एकमात्र समाधान यह है कि सरकार चक्रवृद्धि ब्याज की माफी से पड़ने वाले बोझ को वहन कर ले। इसमें कहा गया कि आरबीआई द्वारा विभिन्न परिपत्रों को जारी करते हुए यह स्पष्ट किया गया था कि किस्त स्थगन का अर्थ ब्याज की छूट नहीं थाए बल्कि इसका अर्थ था. ब्याज को टालना। सरकार ने कहा कि कर्जदारों ने भी इस बात को समझा और अधिकांश ने किस्त स्थगन का लाभ नहीं लिया हैए जो किस्तों के भुगतान को टालने के अलावा और कुछ नहीं है। केंद्र सरकार ने कहा कि ऐसे कर्जदारों की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक होगी। इससे पहले केंद्र ने 28 सितंबर को उच्चतम न्यायालय से कहा था कि किस्त स्थगन के दौरान बैंकों के ब्याज पर ब्याज लेने के बारे में 2.3 दिन में फैसला कर लिया जाएगा। इस संबंध में शीर्ष न्यायालय ने केंद्र से निर्णय को रिकॉर्ड में लाने और संबंधित पक्षकारों को हलफनामा देने को कहा था। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले में पांच अक्टूबर को सुनवाई करेगी। पीठ में न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायामूर्ति एम आर शाह भी शामिल हैं।
भारत में कई क्षेत्रों में वैश्विक आपूर्तिकर्ता बनने की संभावला रू गोयल
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 04 अक्टूबर । वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत में कई क्षेत्रों में वैश्विक खिलाड़ी बनने की क्षमता हैए लेकिन इसके लिए उसे अपनी विनिर्माण गतिविधियों का स्तर बढ़ाने की जरूरत है। एक्जिम बैंक द्वारा आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए गायल ने शनिवार को कहा कि वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनने की क्षमता रखने वाले क्षेत्रों की पहचान करने की जरूरत है। गोयल ने कहाए ष्ष्निर्यात के उत्पादों या घरेलू क्षेत्र के सामान का अलग करने की जरूरत नहीं है। हमें गुणवत्ताए बेहतर प्रौद्योगिकी और स्तर की जरूरत है। हालांकिए इसके लिए किसी समय समर्थन की भी जरूरत हो सकती है।ष्ष् मंत्री ने कहा कि यदि उत्पाद अच्छे और प्रतिस्पर्धी कीमत वाले होंगे तो निश्चित रूप से निर्यात होगा। उन्होंने कहा कि उद्योग को यह नहीं समझना चाहिए कि इसका एकमात्र समाधान सब्सिडी है। मुक्त व्यापार करारों ;एफटीएद्ध पर गोयल ने कहा कि हमें बड़े बाजारों वाले विकसित देशों के साथ ऐसे करार करने चाहिएए चीन या पेरू जैसे देशों के साथ नहीं। वेबिनार को संबोधित करते हुए एक्जिम बैंक के प्रबंध निदेशक डेविड रस्क्विन्हा ने कहा कि देश के विनिर्माण और निर्यात क्षेत्रों को वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाने की जरूरत है।
केंद्र ने न्यायालय से कहाए दो करोड़ तक के कर्ज के ब्याज पर ब्याज माफ होगा छह महीने के लिए
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 04 अक्टूबर । बैंक से कर्ज लेने वाले आम लोगों और छोटे तथा मझोले कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए केंद्र ने शनिवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि कोविड.19 महामारी के दौरान घोषित किए गए किस्त स्थगन के तहत दो करोड़ रुपये तक के कर्ज के ब्याज पर ब्याज छह महीने के लिए नहीं लिया जाएगा। केंद्र ने कहा कि इस संबंध में सरकार अनुदान जारी करने के लिए संसद से उचित अधिकार मांगेगी। यी अनुदान सरकार द्वारा पहले घोषित किए गए गरीब कल्याण और आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत एमएसएमई को दिए गए 3ण्7 लाख करोड़ रुपये और आवास ऋण के लिए दिए गए 70ए0000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त होगा। भारत सरकार की तरफ से वित्त मंत्रालय द्वारा दिए गए एक हलफनामे में कहा गया कि किस्त स्थगन की अवधि के दौरान ब्याज पर ब्याज के संबंध में खास श्रेणियों में सभी कर्जदारों को राहत मिलेगीए चाहें उन्होंने किस्त स्थगन का लाभ उठाया हो या नहीं। हलफनामे में कहा गयाए ष्ष्इसलिएए सरकार ने फैसला किया है कि छह महीने की किस्त स्थगन अवधि के दौरान चक्रवृद्धि ब्याज की माफी कर्जदारों की सबसे कमजोर श्रेणी तक सीमित होगी। कर्जदारों की इस श्रेणी के तहत दो करोड़ रुपये तक के एमएमएमई ऋण और व्यक्तिगत ऋण पर ब्याज पर ब्याज माफ किया जाएगा।ष्ष् सरकार ने ऋणों को आठ श्रेणियों में बांटा हैए जिनमें एमएसएमई ;सूक्ष्मए लघु और मध्यम उद्योगद्धए शिक्षाए आवासए उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएंए क्रेडिट कार्ड बकायाए ऑटो ऋणए व्यक्तिगत ऋण और उपभोग आधारित ऋण शामिल हैं। सरकार ने हलफनामे में आगे कहा है कि कोई भी व्यक्ति या संस्था जिसकी ऋण राशि दो करोड़ रुपये से अधिक हैए वह ब्याज पर ब्याज से छूट के लिए पात्र नहीं होगा।
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