अमेरिका ने ताइवान को एक अरब डॉलर के हथियार बेचने की मंजूरी दी
अंतिम प्रवक्ता, 03 सितंबर । अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने ताइवान के दर्जे को लेकर चीन के साथ तनाव बढ़ने के बीच द्वीपीय देश को एक अरब डॉलर से अधिक के हथियार बेचने की घोषणा की है।
विदेश विभाग ने बताया कि 1.09 अरब डॉलर के हथियारों की बिक्री में 35.5 करोड़ डॉलर की हवा से समुद्र में मार करने वाली हारपून मिसाइलें तथा 8.5 करोड़ डॉलर की हवा से हवा में मार करने वाली साइडविंडर मिसाइलें शामिल हैं।
बहरहाल, हथियारों का सबसे बड़ा हिस्सा ताइवान के निगरानी रडार कार्यक्रम के लिए 65.5 करोड़ डॉलर का साजोसामान पैकेज है। यह रडार कार्यक्रम हवा में रक्षा की चेतावनियां देता है। हवा में दुश्मन की मिसाइलों की जल्द चेतावनी देना महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि चीन ने ताइवान के पास सैन्य अभ्यास तेज कर दिए हैं।
विदेश विभाग ने कहा कि यह उपकरण ताइवान के लिए आवश्यक है, ताकि ‘‘आत्मरक्षा की पर्याप्त क्षमता बनाए रखी जा सके।’’ प्रशासन ने इस बिक्री के बारे में अमेरिकी कांग्रेस को सूचित किया।
बाइडन प्रशासन ने कहा कि यह सौदा अमेरिका की एक-चीन नीति के अनुरूप है। साथ ही उसने बीजिंग से ‘‘ताइवान के खिलाफ अपना सैन्य, कूटनीतिक और आर्थिक दबाव खत्म करने तथा इसके बजाय ताइवान के साथ सार्थक संवाद करने’’ का अनुरोध किया।
अमेरिका और चीन के बीच रिश्तों में कड़वाहट तब से और बढ़ गई है, जब से अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने पिछले महीने ताइवान की यात्रा की। पेलोसी की ताइपे यात्रा के बाद से अमेरिकी कांग्रेस के कम से कम दो अन्य प्रतिनिधिमंडल ने भी वहां का दौरा किया है। चीन ने इन सभी यात्राओं की निंदा की है।
ताइवान की सेना ने कहा कि उसने चीनी तट पर ताइवान की चौकी पर मंडरा रहे एक ड्रोन को मार गिराया है। यह घटना बढ़ते तनाव को दिखाती है। इससे एक दिन पहले, ताइवान ने कहा था कि उसने चीन के बंदरगाह शहर शियामेन के तट पर उसके तीन द्वीपों पर ड्रोनों के मंडराने पर चेतावनी दी है।
गौरतलब है कि चीन ताइवान पर अपना दावा जताता है। उसका कहना है कि आवश्यकता पड़ने पर वह ताइवान को बलपूर्वक अपने कब्जे में ले सकता है।
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