उत्तर प्रदेश के कई जिले कोरोना मुक्त हो चुके हैं : अपर मुख्य सचिव
अंतिम प्रवक्ता, 18 अप्रैल, 2020। उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को कहा कि राज्य के कई जिले कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रदेश के कई जिले कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। पूरे प्रदेश के लिए ये खुशखबरी है कि प्रशासन, पुलिस स्वास्थ्य विभाग और सफाई कर्मियों ने मिलकर एकजुट होकर कार्य किया है और कई जिले एक ओर से कोरोना वायरस से मुक्त होते जा रहे हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘प्रशासन को जनता का अपार सहयोग मिल रहा है। कोरोना वायरस को लेकर देश का जो औसत है, उसमें भी बेहतर स्थिति उत्तर प्रदेश की है। जो लोग स्वस्थ होकर निकल रहे हैं उनकी संख्या भी बढ़ रही है।’’ अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रत्येक निराश्रित व्यक्ति के लिए 1,000 रुपये की धनराशि की व्यवस्था करायी है।उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से समीक्षा की है और निराश्रित लोगों के लिए एक-एक हजार रुपये की धनराशि मुहैया करायी गयी है। मुख्यमंत्री ने शहरी और ग्रामीण इलाकों में निराश्रित लोगों को चिन्हित कर एक-एक हजार रुपये देने का निर्देश दिया है।अपर मुख्य सचिव ने बताया कि अब तक 23 लाख 70 हजार श्रमिकों को सरकार ने अपने संसाधन से 236.98 करोड़ रुपये भरण पोषण भत्ते के रूप में दिया है।उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्रों में कुली, रिक्शे वाले, ई-बैटरी चालकों सहित कई श्रमिकों को एक-एक हजार रुपये मुहैया कराये गये हैं। कुल मिलाकर पांच लाख 82 हजार लोगों को शहरी क्षेत्र में और चार लाख से अधिक लोगों को ग्रामीण क्षेत्र में यह राशि दी गयी है।अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं कि अगर कोई छूट भी गये हैं तो उन्हें युद्धस्तर पर पंजीकृत करके मदद पहुंचायी जाए। अवस्थी के साथ प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने भी संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 869 सक्रिय मामले रह गये हैं।प्रसाद ने बताया कि प्रयागराज और बरेली सहित कुछ और जिले हैं, वहां भी कोविड-19 मरीज होकर घर लौट रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘बाकी जिलों में जहां, संक्रमण कम था, वहां स्थिति लगातार नियंत्रित होती जा रही है।’’प्रसाद ने बताया कि 1025 लोग ‘ पृथक वार्ड’ में हैं और 10,814 लोग पृथक केंद्र में हैं। हमारे पास पृथकवास के लिए दस हजार बिस्तर तैयार हैं।
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