एसएमएस का जमाना नहीं था, अंजलि को पत्र लिखता था: सचिन
रिकॉर्डों के बेताज बादशाह सचिन तेंदुलकर आधुनिक तकनीक के जबरदस्त मुरीद हैं और उनका मानना है कि आज तकनीक ने जीवन को बहुत बदल डाला है। सचिन ने गुरुवार को प्रौद्योगिकी उत्पाद बनाने वाली स्टार्टअप कंपनी स्माट्रोन के ट्रॉन सीरीज का अपना पहला नोटबुक टी-बुक लांच करने के मौके पर मीड़िया सम्मेलन में तकनीक के जीवन में बढ़ते महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब मैं आस्ट्रेलिया या विदेश दौरे में हुआ करता था तब मैं और अंजलि एक दूसरे को पत्र लिखा करते थे। तब एसएमएस का जमाना ही नहीं था कि हम एक दूसरे को कोई संदेश दे पाते। हमें पत्रों से ही काम चलाना पड़ता था। मास्टर ब्लास्टर ने अपने स्कूली जीवन के समय में विनोद कांबली के साथ उस समय बनाए रिकार्ड पार्टनरशिप को याद करते हुए कहा कि लंच समय में मेरे पास अचरेकर सर का संदेश आया कि वह मिलना चाहते हैं। हम पास के ही पावभाजी के ढाबे में गए और पावभाजी खाने के बाद सर को फोन किया। यदि आज का समय होता तो किट बैग से फोन निकालकर बात कर लेते। सचिन ने कहा, एक समय वह भी था जब बहुत लोग एक फोन पर निर्भर रहा करते थे। कोई अपने पड़ोसी को बताता था कि दो बजे मेरा अर्जेंट फोन आने वाला है और मुझे बता देना,क्योंकि यदि उस समय फोन मिस हुआ तो फिर बात करने में बहुत समय लग जाता था। उस समय को हम अब बड़ा याद करते हैं। तकनीक के मुरीद सचिन ने कहा कि प्रोद्योगिकी ने अब बहुत कुछ बदल दिया है। अब चीजे उंगलियों पर आ गयी हैं और आप को किसी भी चीज के लिये दूर जाने की जरूरत नहीं है। तकनीक हमें अब आगे कहां तक ले जाएगी, कुछ नहीं कहा जा सकता। सचिन ने इस मौके पर क्रिकेट विश्वकप को लेकर कुछ नहीं कहा कि हालांकि मीड़ियाकर्मी उनसे एकाध बाइट लेना चाहते थे। मीड़ियाकर्मी सचिन के पीछे- पीछे होटल के बाहर तक भी गए ताकि वे मास्टर ब्लास्टर से एक दो शब्द पूछ सकें लेकिन सचिन अपनी गाड़ी में बैठकर निकल गए।