दिल्ली के छात्रों के लिए कट-आफ लिस्ट में 4 प्रतिषत की छूट देने के लिए आंदोलन षुरू किया
नई दिल्ली, 20 जुलाई दिल्ली में भारी बारिष के बावजूद बड़ी संख्या में छात्रों ने दिल्ली विष्वविद्यालय के काॅलेजों में सीटों की कमी के कारण दाखिला का अवसर न मिलने के विरोध में जन्तर-मन्तर पर जबरदस्त प्रदर्षन किया क्योंकि दिल्ली सरकार ने पिछले 15 वर्शों में एक भी नया काॅलेज नहीं खोला है।
छात्रों को सम्बोधित करते हुये भाजपा दिल्ली प्रदेष अध्यक्ष श्री विजय गोयल ने कहा कि भाजपा नई दाखिला नीति के पक्ष में है जिसके अनुसार उन सभी छात्रों को जिन्होंने दिल्ली से 12वीं कक्षा पास की है दिल्ली विष्वविद्यालय में दाखिले के लिए 4 प्रतिषत की छूट दी जायेगी। उन्होंने कहा कि यह नीति दिल्ली सरकार द्वारा चलाये जा रहे काॅलेजों में तुरन्त लागू की जा सकती है किन्तु वर्तमान कांग्रेस सरकार ऐसा करना ही नहीं चाहती।
श्री गोयल ने बताया “मैं इस मुद्दे को दिल्ली के नये राज्यपाल के समक्ष उठाने जा रहा हूँ जिनसे मैं सोमवार को मिलूंगा।“
उन्होंने आगे कहा कि भारी बारिष की परवाह न करते हुये बड़ी संख्या में छात्रों ने इस विरोध प्रदर्षन में भाग लिया जो स्पश्टतः 12वीं कक्षा पास करने वाले उन हजारों छात्रों के आक्रोष को दर्षाता है जिन्हें दिल्ली में उचित फीस देकर षिक्षा पाने से वंचित किया जा रहा है।
छात्रों को सम्बोधित करते हुये दिल्ली भाजयुमो अध्यक्ष श्री गौरव खारी ने कहा कि अधिकांष छात्र निम्न और मध्य आय वर्ग से आते हैं जो निजी काॅलेजों में ऊंची फीस नहीं दे सकते। उनकी आकांक्षा केवल दिल्ली विष्वविद्यालय में पढ़ने की है। किन्तु सीटों की भारी कमी और उन्हें कोई तरजीह न मिलने के कारण उच्च षिक्षा प्राप्त करने का अवसर नहीं मिल पाता है।
इस निराषाजनक स्थिति को बदलने के लिए दिल्ली भाजपा ने कुछ दिन पहले ही एक योजना बनाई थी जिसमें यह सुझाव दिया गया है कि दिल्ली के विद्यालयों से पास होने वाले छात्रों को कट-आफ अंकों में 4 प्रतिषत की छूट मिलनी चाहिए।
इसमें 15 नये काॅलेज खोलने, प्रातःकालीन काॅलेजों में सांध्यकालीन वर्ग षुरू करने, दिल्ली विष्वविद्यालय पर अन्य राज्यों के छात्रों का दबाव कम करने के लिए पड़ोसी राज्यों और षहरों में प्रतिश्ठित कालेजों की षाखायें खोलने का सुझाव दिया गया है।
इस समय दिल्ली के विद्यालयों से 1.3 लाख छात्र 12वीं कक्षा पास करते हैं किन्तु उन्हें दिल्ली के काॅलेजों में 10,000 सीटों से भी कम मिल पाती हैं।
श्री खारी ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली के युवाओं के भविश्य से संबंधित मुद्दों पर कोई भी जवाब नहीं दिया इस कारण भाजयुमो को यह आंदोलन षुरू करना पड़ा।
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