मजदूरों के न्यूनतम वेतन में लाई जाएगी एकरूपता, कामगार होने की नियोक्ता से चिट्ठी भी मिलेगी
अंतिम प्रवक्ता, 14 मई, 2020। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज की अगली कड़ी के बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्तराज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने फिर से विस्तृत जानकारी दी है। इस दौरान उन्होंने कहा है कि सरकार न्यूनतम वेतन के अधिकार को एकरूपता देगी और यह भी सुनिश्चित करेगी कि असंगठित क्षेत्र के कामगारों को भी उनके वेतन का भुगतान समय पर सुनिश्चित हो सके। मौजूदा वक्त में न्यूनतम वेतन सिर्फ 30 फीसदी कामगारों पर ही लागू हो पाता है। कामगारों के लिए एक बड़ा फैसला ये लिया गया है कि स्थाई कामगारों को 5 साल के बजाय सिर्फ एक साल की सेवा में ही अब ग्रेच्यूटी का लाभ मिल सकेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने का है कि नेशनल फ्लोर वेज के कानूनी विचार को लागू किया जाएगा, जिससे न्यूनतम वेतन से जुड़ी क्षेत्रीय विसंगतियां दूर होंगी। न्यूनतम वेतन निर्धारित करने की प्रक्रिया को भी आसान बनाया जाएगा। यही नहीं सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि हर कामगार को उसका नियोक्ता नियुक्ति का पत्र भी जरूर दे। इससे संगठनात्मक व्यवस्था की ओर बढ़ना सुनिश्चित होगा। सभी कर्मचारियों का साल में एक बार हेल्थ-चेकअप करवाना सुनिश्चित किया गया है। उन संस्थाओं में भी ऑक्यूपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ (ओएसएच) कोड लागू होगा जिनमें जोखिम वाले काम होते हैं, चाहे उसमें 10 से कम कामगार ही क्यों न हों।
इसके अलावा अंतर-राज्यीय प्रवासी कामगारों की परिभाषा में भी सुधार किया गया है। इसमें उन प्रवासी कामगारों को भी शामिल किया गया है जो सीधे नियोक्ता द्वारा नियुक्त किए गए थे, जो कामगार सीधे किसी राज्य में आ गए हैं। इनके अलावा वे कामगार भी शामिल होंगे जिन्हें ठेकेदारों के द्वारा रोजगार मिला हुआ था। यही नहीं अब ईएसआईसी कवरेज को भी भारत के सभी जिलों तक बढ़ा दिया गया है और इसमें 10 या उससे ज्यादा कर्मचारी वाले सभी संस्थानों को शामिल कर दिया गया है। जिन संस्थानों में 10 से कम कर्मचारी होंगे मांग के आधार पर उन्हें भी यह कवर दिया जा सकता है। लेकिन, जोखिम वाले उद्योगों में 10 से कम कर्मचारी रहने पर भी केंद्र सरकार की अधिसूचना पर ईएसआईसी कवरेज देना अनिवार्य बना दिया गया है।
इसके अलावा कामगारों के लाभ के लिए लेबर कोड को भी विस्तार दिया गया है। जीआईजी वर्कर और प्लेटफॉर्म वर्कर्स सामाजिक सुरक्षा स्कीम के दायरे में होंगे। महिलाएं हर तरह का काम कर सकेंगी और सुरक्षा इंतजामों के साथ रात में भी काम कर सकेंगी। असंगठित क्षेत्र के कामगारों को भी सोशल सिक्योरिटी फंड का लाभ मिलेगा।
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