यूपी बोर्ड : 99 साल के इतिहास में दूसरी बार लखनऊ से घोषित हुए परीक्षा परिणाम
अंतिम प्रवक्ता, 27 जून, 2020। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के 99 साल के इतिहास में दूसरी बार लखनऊ से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के परीक्षा परिणाम घोषित किये गये। इससे पहले वर्ष 2007 में हाईस्कूल परीक्षा के परिणाम लखनऊ से जारी किये गये थे। उस समय प्रदेश में बसपा की सरकार थी। इस साल दूसरी बार वर्षों पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने हाईस्कूल और इंटर दोनों परीक्षाओं के परिणामों की घोषणा लखनऊ से की। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद यानि यूपी बोर्ड प्रदेश में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं का संचालन किया जाता है। वर्ष 1921 में स्थापित यूपी बोर्ड एशिया का सबसे बड़ा शिक्षा बोर्ड माना जाता है। यह बोर्ड सदैव प्रयागराज से ही अपनी दोनों परीक्षाओं के परिणाम घोषित करता रहा है। वर्ष 2007 में बसपा शासनकाल के दौरान जब यह परंपरा तोड़ी गई थी, उस समय भी लखनऊ से केवल हाईस्कूल के परिणाम घोषित हुए थे। इंटरमीडिएट का रिजल्ट प्रयागराज से ही जारी हुआ था। उस समय संजय मोहन उप्र माध्यमिक शिक्षा के निदेशक और यूपी बोर्ड के सभापति थे एवं बोर्ड के सचिव पद पर बासुदेव यादव थे। इस बार माध्यमिक शिक्षा उप्र के निदेशक विनय कुमार पाण्डेय ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट दोनों परीक्षाओं के परिणाम लखनऊ से घोषित किया। इस अवसर पर आयोजित पत्रकार वार्ता में उपस्थित प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने बताया कि इस बार हाईस्कूल के 83.31 और इंटर के 74.63 प्रतिशत परक्षार्थी उत्तीर्ण घोषित किये गये। डा. शर्मा ने बताया कि वर्ष 2020 की दोनों परीक्षाओं में कुल 52 लाख 57 हजार 135 परीक्षार्थी सम्मिलित हुए थे। इनमें 27 लाख 72 हजार 656 परीक्षार्थी हाईस्कूल के और 24 लाख 84 हजार 479 परीक्षार्थी इंटरमीडिएट के थे। उन्होंने बताया कि हाईस्कूल के कुल 23 लाख 09 हजार 802 और इंटर के कुल 18 लाख 54 हजार 099 परीक्षार्थी उत्तीर्ण घोषित किये गये हैं। हाईस्कूल और इंटर दोनों परीक्षाओं में श्रीराम एसएम इंटर कालेज बड़ौत, बागपत के छात्रों ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
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