कन्या विद्याधन, लैपटॉप और बेरोजगारी भत्ता बंद
[metaslider id=290]मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे दिन साल 2014-15 के लिए यूपी का बजट पेश कर दिया। बजट में सरकार के तीन ड्रीम प्रोजेक्ट लैपटॉप वितरण योजना, कन्या विद्याधन और बेरोजगारी भत्ता देने का जिक्र नहीं है। इस बार का बजट कुल 2 लाख 74 हजार 704 करोड़ रुपए का है, जो कि पिछले साल के मुकाबले 24 फीसदी ज्यादा है। बजट पेश करते हुए सीएम अखिलेश ने कहा कि पहले चरण में नौजवानों का भविष्य संवारने के लिए लैपटॉप वितरण, बेरोजगारी भत्ता, कन्या विद्याधन कार्यक्रम शुरू किए गए थे। इसका लाभ नौजवान युवक-युवतियों को मिला। अब दूसरे चरण में ग्रामीण क्षेत्रों की निर्धन बस्तियों में जीवन की आधारभूत और मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। प्रदेश में पूंजी निवेश को प्रोत्साहित कर रोजगार के अवसर बढ़ाने का विशेष प्रावधान किया गया है। बजट में शामिल – गन्ना मूल्य भुगतान के लिए चार सौ करोड़ रुपए की व्यवस्था – यूपी पुलिस को हाइटेक बनाने के लिए 12 हजार 400 करोड़ रुपए का प्रावधान – बिजली परियोजनाओं के लिए 23 हजार 928 करोड़ रुपए का प्रावधान – गांवों में शौचालय बनाने के लिए 359 करोड़ रुपए का प्रावधान – मुफ्त बैटरी चालित रिक्शा दिए जाने के लिए तीन सौ करोड़ रुपए का बजट। बजट से पहले सदन में बसपा के सदस्यों ने भी खराब कानून-व्यवस्था सुधारने की मांग को लेकर हंगामा भी सरकार की योजना 1090 ठीक से चल रही होती, तो महिलाओं का इस तरह उत्पीड़न नहीं होता। विकास से संबंधित कोई ऐसी व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे आम जनता का भला हो। विकास की योजनाएं बंद कर दी गई हैं। चुनाव में जब सपा सरकार ने देखा कि लैपटॉप, कन्या विद्याधन और बेरोजगारी भत्ता का दांव उल्टा पड़ गया, तो बजट से इन योजनाओं को बाहर कर दिया गया।’