देश में सूखे से ग्रस्त क्षेत्रों में केंद्रीय दल इस साल जून तक पानी की स्थिति का अध्ययन करेंगे और आपदा से निपटने के लिए भावी कार्रवाई की एक लंबी अवधि की योजना तैयार करेंगे।