डॉ. उदित राज के नेतृत्व में सैकड़ों दिव्यांगो को उपकरणों का उपहार
बाहरी दिल्ली, 05 मार्च 2017 : उत्तर-पश्चिम दिल्ली सांसद डॉ. उदित राज के नेतृत्व में रोहिणी सेक्टर –7 के रामलीला मैदान में दिव्यांगो हेतु विशाल निःशुल्क सहायक उपकरण वितरण समारोह का आयोजन किया गया | यह कार्यक्रम भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के द्वारा “सामाजिक अधिकारिता शिविर” के अंतर्गत आयोजित किया गया जिसमे सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत और सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर भी शामिल हुए | इस समारोह में 894 दिव्यांगों को 1402 विभिन्न प्रकार के सहायक उपकरण जैसे श्रवण सम्बन्धी उपकरण 74, कुष्ठ रोग किट 01, कुष्ठ रोगी के लिए मोबाइल 01, स्मार्ट केन 106, ब्लाइंड स्टिक 24, एमएसआईईडी किट 46, ब्रेल किट 01, मोटर चालित ट्राईसाइकिल 85, ट्राईसाइकिल 459, व्हील चेयर 97, बैसाखी 372, वाल्किंग स्टिक 49, रोलैटर 02, कैलिपर 53, जोड़ 32 इत्यादि वितरित किये गए | इन उपकरणों पर सरकार के द्वारा लगभग 90 लाख रुपये खर्च किये गये | इस कार्यक्रम में लगभग 5 हजार लोग उपस्थित हुए जिसमे लगभग 1 हजार दिव्यांग भी शामिल थे |
डॉ. उदित राज ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सबसे पहले मैं केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत और राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर का इस कार्यक्रम में आने के लिए धन्यवाद करता हूँ और मैं यह जानता हूँ कि यह कार्य जितना दिखने में सरल लग रहा था बल्कि कहीं ज्यादा कठिन था लेकिन एलिमको टीम की मेहनत और सहायता ने इसे जरुर आसान बना दिया | दिव्यांगजनों और विशेष जरुरतमंद बच्चों को प्रमाण-पत्र मिलने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता और इसके लिए कहीं न कहीं कार्यप्रणाली में बदलाव की आवश्यकता है |
मैं जल्द से जल्द इसमें सरकार से अनुरोध कर इसमें सुधार की मांग करूँगा जिससे दिव्यांगजनों को समय और परेशानी का सामना कम से कम करना पड़े | दिव्यांगजनों के लिए हमारी सरकार लगातार उनके बेहतरी के लिए प्रयासरत है| प्रधानमंत्री जी के द्वारा दिया गया दिव्यांग शब्द वाकई में दिव्य जड़ी-बूटी की तरह कार्य कर रहा है जब से दिव्यांग शब्द का चयन शुरू हुआ है उसके बाद से अभी में विश्वास और सकारात्मक उर्जा का संचार देखने को मिला है | भारतीय जनता पार्टी केवल किसी एक विकास पर काम नहीं करती है बल्कि हमारा प्रयास सदैव चहुंमुखी विकास का रहता है | उत्तर-पश्चिम दिल्ली के किसी भी क्षेत्र में एक भी दिव्यांग सुविधाओं से अछूता नही रहेगा | अभी तो ये एक शुरुआत है और आगे भी दिव्यांगों के लिए कार्य होते रहेंगे |