दिल्ली के बाजारों में ग्राहकों का टोटा
अंतिम प्रवक्ता, 22 मई, 2020। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के उपायों के बीच लॉकडाउन के चौथे चरण में दिल्ली में दी गई रियायतों का बाजारों पर कोई खास असर पड़ता नहीं दिखाई दे रहा है। दिल्ली सरकार ने बाजारों में दुकानों को सुबह सात से शाम सात बजे तक सम-विषम के आधार पर खोलने की अनुमति दी है, लेकिन दक्षिणी दिल्ली के कुछ नामी बाजार जैसे कि सरोजनी नगर मार्केट और लाजपतनगर सेंट्रल मार्केट के दुकानदार इन शर्तों की मार से परेशान हैं। क्योंकि ग्राहक बाजार से गायब हैं और दुकानदार दिन भर खाली बैठे रहते हैं।
सामान्य दिनों में बाजारों की रौनक पहले जहां दोपहर के बाद शुरू होती थी और देर शाम तक ग्राहकों की भीड़ यहां अपने चरम रहती थी। ग्राहकों के अभाव में आज वहां सन्नाटा पसरा हुआ है। लाजपतनगर सेंट्रल मार्केट में सिर्फ 10 प्रतिशत दुकानें खुली थीं। यही हाल सरोजनी मार्केट का भी था। जो दुकानें खुली हुई थीं उन पर भी ग्राहक नजर नहीं आ रहे थे। दुकानों पर सम-विषम के बोर्ड लटके थे। जहां तहां दिल्ली पुलिस के जवान दुकानदरों को कोरोना से बचाव के सुरक्षा निर्देशों को समझाते नजर आये।
दुकान मालिकों का कहना है कि कोरोना के डर से ग्राहक नहीं आ रहे हैं। ऐसे में दुकान खोलने का भी कोई फायदा नहीं है। यहां शाम को ही ग्राहकों की भीड़ जुटती है, लेकिन राज्य सरकार के गाइडलाइंस में शाम सात बजे तक दुकानें बंद करने की बात कही गयी है। अधिकतर दुकानदार दिन भर खाली बैठे परेशान हो जाते हैं इसलिए जल्दी दुकान बंद करके घर चले जाते हैं। शाम पांच-छह बजे तक अधिकतर मार्केट बंद हो जाते हैं। इन बाजारों की गलियों मे रेहड़ी-पटरी लगाने वाले अब कम ही दिखाई दे रहे हैं। रेहड़ी पर टी-शर्ट एवं ट्राउजर बेच रहे मनीष ने बताया कि अधिकतर रेहड़ी-पटरी वाले ग्रामीण पृष्ठभूमि के हैं, जो काम के अभाव में अपने घर लौट गए हैं।
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