देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर जागरूकता अभियान चलाएगी भाजपा
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 10 सितंबर। भारतीय जनता पार्टी ने पूरे देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर जागरूकता अभियान चलाने की तैयारी की है। राष्ट्रीय मुख्यालय की ओर से पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा बनाई जा रही है। पार्टी अपने पदाधिकारियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रमुख बिंदुओं के बारे में जानकारी देने के लिए कार्यशालाएं (वर्कशॉप) आयोजित करेगी। नई शिक्षा नीति के बारे में पूरी जानकारी लेने के बाद पदाधिकारी और कार्यकर्ता जन-जन के बीच जाकर जागरूकता फैलाएंगे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का मानना है कि नई शिक्षा नीति को लेकर पार्टी नेताओं को कम से कम इतनी जानकारी हो कि वह इस विषय पर 10 मिनट तक किसी भी मंच पर बोल सकें। भाजपा के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का मानना है कि सभी प्रदेशों में नई शिक्षा नीति पर वर्कशॉप आयोजित हों। बीते 7 सितंबर को झारखंड प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के दौरान भी उन्होंने इस बात पर जोर देकर सभी स्तर पर वर्कशॉप आयोजित करने का सुझाव दिया था। नड्डा ने कहा था कि प्रदेश कार्यसमिति सदस्यों के लिए भी एक वर्कशॉप हो, जिससे सदस्यों को नई शिक्षा नीति के बारे में बोलने लायक जानकारी मिले। पार्टी सूत्रों ने बताया कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सभी प्रदेश अध्यक्षों से कहा है कि वे नई शिक्षा नीति पर कार्यकताओंर् को अधिक से अधिक जानकारी देकर उन्हें जनता के बीच जागरूकता फैलाने के लिए कहें। इस कार्य में सांसदों और विधायकों को भी जोड़ा जाए। दरअसल, देश में तीन दशक बाद आई नई शिक्षा नीति को भाजपा मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि मानती है। दो लाख से अधिक सुझावों के आधार पर तैयार हुई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव आने की संभावना है। ऐसे में भाजपा इस नीति के सभी पहलुओं से अब जनता को अवगत कराने के लिए जन-जन के बीच जाने की तैयारी कर रही ळें
स्वास्थ्य अपने नागरिकों के लिए सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण निवेश : हर्षवर्धन
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 10 सितंबर। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बुधवार को कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में किया गया निवेश किसी भी देश का अपने नागरिकों के लिए किये जाने वाला सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण निवेश होता है। डॉ. हर्षवर्धन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के 73वें सत्र को वर्चुअली संबोधित करते हुए हुए सबसे पहले कोरोना वायरस कोविड-19 के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर डटे स्वास्थ्यकर्मियों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के स्वास्थ्यकर्मियों ने सम्मिलत प्रयास करके और अपनी सुरक्षा की चिंता किये बगैर न सिर्फ दूसरों की जिंदगी बचायी है बल्कि विपरीत परिस्थितियों में भी सबका ख्याल कैसा रखा जाता है, इसके प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखायी है। डब्ल्यूएचओ का दो दिवसीय 73वां सत्र थाईलैंड की सरकार की मेजबानी में हो रहा है। कोरोना काल में यह सत्र डिजिटल माध्यम से आयोजित किया गया है। इससे पहले 72वां सत्र नई दिल्ली में आयोजित हुआ था और डॉ. हर्षवर्धन ने उसकी अध्यक्षता की थी। उन्होंने आज थाईलैंड के उप प्रधानमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री अनुतिन चर्नविराकुल को अध्यक्षता सौंपी और उसके बाद सत्र में शामिल लोगों को संबोधित किया। स्वास्थ्य मंत्री ने सत्र में बताया कि भारत में कोरोना के खिलाफ सरकार किस तरह दिन रात युद्धस्तर पर काम रही है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में कोरोना महामारी से लोगों की जिंदगी के साथ जीविका की रक्षा भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
ईडी ने बेंगलुरु में 60 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की
नई दिल्ली, 09 सितंबर (वेबवार्ता)। प्रवर्तन निदेशालय ने बेंगलुरु में चर्च ऑफ साउथ इंडिया ट्रस्ट एसोसिएशन (सीएसआईटीए) की 60 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर ली। यह कार्रवाई रक्षा मंत्रालय द्वारा उसे पट्टे पर दी गयी भूमि को उसे द्वारा कथित रूप से गैरकानूनी रूप से स्थानांतरित करने के सिलसिले में की गयी है। ईडी ने एक बयान में बताया कि कुर्क की गई संपत्ति भारतीय स्टेट बैंक में रखी गई सावधि जमा की शक्ल में हैं और यह कार्रवाई धनशोधन रोकथाम अधिनियम 2002 (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत की गई है। ईडी के मुताबिक, बेंगलुरु के अशोक नगर थाने में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की गई थी। यह प्राथमिकी रक्षा मंत्रालय के 74426.886 वर्ग मीटर भूमि के टुकड़े को ‘बेईमानी से’ स्थानांतरण करने का समझौता करने को लेकर सीएसआईटीए के खिलाफ दर्ज की गई थी। यह भूमि पहले बेंगलुरु में ऑल सैंट्स चर्च को पट्टे पर दी गई थी। ऑल सैंट्स चर्च के आहते के एक हिस्से को सीएसआईटीए ने कर्नाटक सरकार के उपक्रम बेंगलुरु मेट्रो रेल निगम लिमिटिड (बीएमआरसीएल) को 2019 में कथित रूप से स्थानांतरित कर दिया और 59.29 करोड़ रुपये का मुआवजा हासिल किया। बीएमआरसीएल ने यह जमीन कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएडीबी) के जरिए ली। ईडी ने कहा कि जांच में पता चला कि जमीन का मालिकाना हक भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के पास है और यह धार्मिक कार्यों के लिए ऑल सैंट्स चर्च को पट्टे पर दी गई थी और जमीन का मालिकाना हक कभी भी चर्च को स्थानांतरित नहीं किया गया था। ईडी ने कहा कि सीएसआईटीए ने रक्षा मंत्रालय की जमीन को कथित रूप से बीएमआरसील को स्थानांतरित कर दी। एजेंसी ने कहा कि जमीन का कानूनी मालिक रक्षा मंत्रालय है इसलिए मुआवजे की रकम भारत के समेकित कोष में जानी चाहिए थी। उसने कहा कि ब्याज समेत 59.52 करोड़ रुपये की राशि को पीएमएलए के तहत अस्थायी तौर पर कुर्क कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
पीएम स्वनिधि योजना नये भारत की दिशा में एक अहम भूमिका निभा रही है : शाह
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 10 सितंबर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना छोटे व्यवसायों को आत्मनिर्भर बनाने व नये भारत की दिशा में एक अहम भूमिका निभा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आज मध् य प्रदेश के रेहड़ी-पटरीवालों के साथ ‘स्वनिधि संवाद’’ के बाद शाह ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘स्ट्रीट वेंडर्स को सशक्त बनाने के लिए पीएम स्वनिधि योजना मोदी जी की दूरदर्शी सोच और गरीब वर्ग के कल्याण के प्रति उनकी संवेदनशीलता का प्रमाण है।’’ उन्होंने कहा कि यह योजना कोरोना के समय करोड़ों गरीबों की सहायता कर उन्हें आजीविका से पुनः जोड़ने का काम कर रही है’। इस कल्याणकारी योजना के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए शाह ने कहा, ‘‘पीएम स्वनिधि छोटे व्यवसायों को आत्मनिर्भर बनाने व नये भारत की दिशा में एक अहम भूमिका निभा रही है। भारत का विकास उसके हर नागरिक के विकास में समाहित है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी हर वर्ग के सशक्तिकरण के लिए कटिबद्ध हैं।’’ केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी से प्रभावित रेहड़ी-पटरी वालों को पुनः आजीविका से जोड़ने के लिए एक जून 2020 को ‘पीएम स् वनिधि’ योजना की शुरूआत की थी। इसका उद्देश्य 50 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरीवालों को लाभ पहुंचाना है। इस योजना के तहत रेहड़ी-पटरीवाले 10,000 रुपये तक की कार्यशील पूंजी ऋण ले सकते हैं जिसे एक वर्ष की अवधि में मासिक किश्तों में चुकाना होगा। समय पर या जल्दी ऋण चुकाने पर 7 प्रतिशत की सालाना ब्याज सब्सिडी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खातों में त्रैमासिक आधार पर डाल दी जाएगी।
लॉकडाउन के दौरान हवाई यात्रा के लिये बुक कराये गये टिकटो के धन वापसी पर केन्द्र स्थिति स्पष्ट करेः न्यायालय
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 10 सितंबर। उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान विमान यात्रा के लिये बुक कराये गये टिकटों के बारे में बुधवार को केर्न्द्र को यह बताने के लिये कहा कि क्या वह इनका पूरा पैसा वापस करने के लिये तैयार है। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूति एम आर शाह की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये इस मामले की सुनवाई के दौरान नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के हलफनामे का जिक्र किया। इसमें कहा गया था कि लॉकडाउन के दौरान बुक किये गये टिकटों का पैसा वापस किया जायेगा। सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि अगर 15 मार्च को लॉकडाउन की अवधि से पहले भी टिकट बुक किया गया था तो भी धन वापस किया जायेगा। हालांकि, मेहता ने कहा कि वह इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करते हुये अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी समझ के अनुसार, मान लीजिये कि लॉकडाउन से पहले 15 मार्च को लॉकडाउन की अवधि में यात्रा के लिये टिकट बुक कराया गया था और यह उड़ान रद्द हो गयी तो टिकट की पूरी धनराशि वापस की जायेगी। मेहता ने कहा कि अगर यह टिकट एक दूसरे देश से कहीं और जाने के लिये बुक किया गया तो इस टिकट का पैसा लौटाना सरकार के हाथ में नहीं है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान इसी अवधि में घरेलू या अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिये टिकट बुक कराया हो तो सरकार ने ऐसे टिकट का पैसा लौटाने का प्रस्ताव दिया था और विचार कर रही है और उसने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि इस वजह से एयरलाइंस को नुकसान नही हो। मेहता ने कहा कि टिकट का पैसा वापस करने के प्रस्ताव को शीर्ष अदालत को मंजूरी देनी होगी। शीर्ष अदालत कोविड-19 की वजह से 25 मार्च से लागू लॉकडाउन के कारण रद्द हुयी उड़ानों के टिकटों का पूरा पैसा लौटाने से संबंधित मामले को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान मेहता ने कहा कि इस मामले में तीन श्रेणियां हैं और घरेलू उड़ान के टिकटों का पूरा पैसा प्रत्येक एयरलाइन को वापस करना होगा। स्पाइसजेट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि वह सरकार के इस रूख से सहमत हैं। इंडिगो की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि मोटे तौर पर हम भी केन्द्र के प्रस्ताव से सहमत हैं और एक-दो मुद्दों के लिये उन्हें दो तीन दिन का वक्त चाहिए। इस पर पीठ ने कहा कि ठीक है आप सभी अपने हलफनामे दाखिल करें। हम किसी और दिन इस पर सुनवाई करेंगे। ट्रैवेल एजेन्ट एसोसिएशन की ओर से अधिवक्ता नीला गोखले ने कहा कि उनका पैसा फंस गया है क्योंकि विमानकंपनियों ने कोई पैसा नहीं लौटाया है। शीर्ष अदालत ने सभी पक्षों को हलफनामे दाखिल करने का निर्देश देने के साथ ही इस मामले को 23 सितंबर के लिये सूचीबद्ध कर दिया। सुनवाई्र के दौरान यात्रियों के संगठन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सी ए सुन्दरम ने कहा कि उन्होंने न्यायालय की हिदायत के अनुसार सभी विमान कंपनियों को प्रतिवादी बना लिया है। एक अन्य वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े ने कहा कि यह राहत पहले लॉकडाउन के दौरान टिकट बुक कराने वालों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए।
न्यायालय ने मराठा आरक्षण कानून के अमल पर लगाई रोक, मामला वृहद पीठ को सौंपा
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 10 सितंबर। उच्चतम न्यायालय ने शिक्षा और रोजगार में मराठा समुदाय के लिये आरक्षण का प्रावधान करने संबंधी महाराष्ट्र सरकार के 2018 के कानून के अमल पर बुधवार को रोक लगा दी लेकिन स्पष्ट किया कि जिन लोगों को इसका लाभ मिल गया है उनकी स्थिति में कोई बदलाव नही होगा। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट्ट की पीठ ने इस मामले को वृहद पीठ का सौंप दिया जिसका गठन प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे करेंगे। इन याचिकाओं में शिक्षा और रोजगार में मराठा समुदाय के लिये आरक्षण का प्रावधान करने संबंधी कानून की वैधता को चुनौती दी गयी है। शीर्ष अदालत ने कहा कि 2018 के कानून का जो लोग लाभ उठा चुके हैं उनकी स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जायेगा। महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय में सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिये शिक्षा और रोजगार में आरक्षण कानून, 2018 में बनाया था। बंबई उच्च न्यायालय ने पिछले साल जून में इस कानून को वैध ठहराते हुये कहा था कि 16 प्रतिशत आरक्षण न्यायोचित नहीं है और इसकी जगह रोजगार में 12 और प्रवेश के मामलों में 13 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं होना चाहिए। शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के आदेश और इस कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर यह आदेश पारित किया महाराष्ट्र सरकार ने 27 जुलाई को न्यायालय को भरोसा दिलाया था कि वह 15 सितंबर तक सार्वजनिक स्वास्थ और मेडिकल शिक्षा एवं शोध विभागों के अलावा 12 फीसदी मराठा आरक्षण के आधार पर रिक्त स्थानों पर भर्तियों की प्रक्रिया आगे नही बढ़ायेगी। एक याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अमित आनंद और विवेक सिंह ने इससे पहले न्यायालय से कहा था कि पीजी मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश की अंतिम तिथि टाली जानी चाहिए। उच्च न्यायालय ने पिछले साल 27 जून को अपने आदेश में कहा था कि अपवाद स्परूप परिस्थितियों के अलावा आरक्षण के लिये शीर्ष अदालत द्वारा निर्धारित 50 फीसदी की सीमा लांघी नहीं जा सकती है। उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार के इस तर्क को स्वीकार कर लिया था कि मराठा समुदाय शैक्षणिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है और उनकी प्रगति के लिय आवश्यक कदम उठाना सरकार का कर्तव्य है। शीर्ष अदालत में दायर एक याचिका में दावा किया गया था कि महाराष्ट्र सरकार का आरक्षण संबंधी कानून मंडल प्रकरण में संविधान पीठ द्वारा निर्धारित 50 फीसदी आरक्षण की अधिकतम सीमा लांघता है। महाराष्ट्र विधान सभा ने 30 नवंबर, 2018 को एक विधेयक पारित किया था जिसमे मराठा समुदाय के लिये 16 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया था।
भाजपा नें किया रोहताश नगर में प्रदर्शन
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 10 सितंबर। भारतीय जनता पार्टी रोहताश नगर के विधायक जितेंद्र महाजन के नेतृत्व में केजरीवाल सरकार के खिलाफ वैलकम हिंदी स्कूल पर प्रदर्शन किया गया। श्री महाजन नें कहा गरीबो को केंद्र सरकार द्वारा दिये गए राशन को न बाटे जाने के खिलाफ प्रदर्शन किया गया उन्होंने कहा जो राशन ई कूपन द्वारा तीन महीने तक बांटा जाना था वो जनता को एक बार दे कर दोबारा राशन नही दिया गया जो कि एक बहुत बड़ा घोटाला है सैकड़ों टन अनाज रोहताश नगर विधानसभा के अंर्तगत स्कूलों में पड़ा सड़ रहा।एक तरफ केजरीवाल सरकार करोड़ो रूपये के झूठे विज्ञापन के माध्यम से जनता को लोक लुभावने वादे कर रही है दूसरी तरफ गरीबो में बटने वाले राशन को सड़ने के लिए छोड़ दिया है। कार्यक्रम में वेलकम से निगम पार्षद अजय शर्मा अशोक नगर की पार्षद रीना माहेश्वरी पूर्व जिलाध्यक्ष कैलाश जैन मंडल अध्यक्ष संजीव मित्तल रितेश सूजी अनिल कटारिया राजेश सिंह युवा मोर्चा अध्यक्ष प्रियंक जैन धर्मवीर नागर गंगा राम माहौर शिवम गर्ग नमन जैन सुनील कुमार एवम बड़ी तादाद में कार्यकर्ता मौजूद रहे।
नेता सदन योगेश वर्मा ने दो पशु एम्बुलेंस का किया शुभारंभ
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 10 सितंबर। उत्तरी दिल्ली नगर निगम में नेता सदन योगेश वर्मा ने बुधवार को आवारा पशुओं के लिए दो पशु एम्बुलेंस का निगम मुख्यालय से झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। इस अवसर पर योगेश वर्मा ने बताया कि इन गाड़ियों में आवारा पशुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो उसके लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं, जैसे- पशुओं को उतारने एवं चढ़ाने के लिए गाड़ी में हाइड्रोलिक सिस्टम लगा है, पशु गाड़ी में विचलित ना हो उसके लिए मधुर धुन का भी प्रबंध इन गाड़ियों में है। इन गाड़ियों को विशेष तौर पर आवारा पशुओं के लिए ही बनवाया गया है। वर्मा ने बताया कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा हर जोन के लिए एक-एक पशु एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई है। कुल 6 पशु एम्बुलेंस में से तीन निगम को प्राप्त हो चुकी हैं और दो का आज शुभारंभ किया गया है। शुभारंभ अवसर पर पूर्व महापौर प्रीति अग्रवाल, पर्यावरण प्रबन्धन सेवाएं समिति के अध्यक्ष सुजीत ठाकुर सहित निगम के अधिकारी उपस्थित थे।
दिल्ली में अब कोरोना टेस्ट कराने के लिए प्रिस्क्रिप्शन जरूरी नहीं, सरकार ने जारी किए आदेश
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 10 सितंबर। दिल्ली में अब कोरोना टेस्ट कराने के लिए प्रिस्क्रिप्शन जरूरी नहीं है। इसके लिए सरकार ने बुधवार को औपचारिक आदेश जारी कर दिया है। बीते हफ्ते आईसीएमआर ने टेस्टिंग नियम में बदलाव किया है जिसके बाद इजाजत दी कि अब देश में जो कोई भी टेस्ट कराना चाहे करवा सकता है। वहीं दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आदेश दिया कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 की स्वेच्छा से आरटी/पीसीआर जांच कराने वालों के लिए डॉक्टर का पर्चा अब अनिवार्य नहीं होगा। अब तक कोविड-19 जांच के लिए लक्षण का होना और डॉक्टर का पर्चा अनिवार्य था। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार ने कोविड टेस्ट को कई गुना बढ़ा दिया है। मैंने आज सुबह स्वास्थ्य मंत्री को निर्देशित किया है कि डॉक्टर के पर्चे की जांच के लिए नहीं पूछा जाएगा। कोई भी खुद जांच करवा सकता है।’’ उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रह्मणयम प्रसाद की पीठ ने कहा कि लोगों को कोविड-19 जांच के लिए दिल्ली में निवास प्रमाणपत्र के तौर पर आधारकार्ड ले जाना चाहिए और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा निर्धारित फॉर्म भरना चाहिए। अदालत ने पाया कि दिल्ली में संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखी गई है और निजी जांच प्रयोगशालाओं से कहा कि वे प्रतिदिन ऐसे 2000 लोगों की कोविड-19 जांच करें जो यह स्वेच्छा से कराना चाहते हैं। दिल्ली सरकार की मौजूदा परीक्षण क्षमता 12,000 जांच प्रतिदिन करने की है। अदालत ने पाया कि दिल्ली में संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखी गई है और निजी जांच प्रयोगशालाओं से कहा कि वे प्रतिदिन ऐसे 2000 लोगों की कोविड-19 जांच करें जो यह स्वेच्छा से कराना चाहते हैं। दिल्ली सरकार की मौजूदा परीक्षण क्षमता 12,000 जांच प्रतिदिन करने की है।
आप विधायक जगदीप को उपमुख्यमंत्री ने नियुक्त किया टूरिज्म डायरेक्टर
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 10 सितंबर। दिल्ली सचिवालय में हुई एक बैठक के दौरान उपमुख्यमंत्री व दिल्ली के पर्यटन मंत्री मनीष सिसोदिया ने आम आदमी पार्टी के विधायक जगदीप सिंह को टूरिज्म कॉरपोरेशन में डायरेक्टर पद की जिम्मेदारी दी है. आम आदमी पार्टी विधायक जगदीप सिंह केजरीवाल सरकार के इससे पहले के कार्यकाल में दिल्ली विधानसभा में चीफ व्हिप की भूमिका में थे. इस बार जब दोबारा आम आदमी पार्टी सत्ता में लौटी तब जगदीप सिंह को कोई अहम जिम्मेदारी नहीं दी गई थी. आज हुई दिल्ली टूरिज्म ट्रांसपोर्टेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के बैठक में जगदीप सिंह को कॉरपोरेशन में डायरेक्टर पद की जिम्मेदारी दी गई है. बता दें कि दिल्ली टूरिज्म एंड ट्रांसपोर्टेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की आज 207वीं बोर्ड मीटिंग थी. जिसमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व पर्यटन मंत्री मनीष सिसोदिया ने आप विधायक जगदीप सिंह को डायरेक्टर नियुक्त किया है.
Leave a reply
You must be logged in to post a comment.