बिना लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन की अनुमति देगी योगी सरकार
अंतिम प्रवक्ता, 18 जुलाई, 2020। प्रदेश में अनलॉक के दौरान कोरोना के तेजी से प्रसार को देखते हुए आखिरकार योगी सरकार ने लक्षणरहित मरीजों को घर पर रहकर इलाज की मंजूरी देने का फैसला किया है। विपक्ष की ओर से इसकी लगातार मांग की जा रही थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बड़ी संख्या में कोरोना के लक्षणरहित संक्रमित लोग बीमारी को छुपा रहे हैं, जिससे संक्रमण बढ़ सकता है। इसके मद्देनजर राज्य सरकार एक निर्धारित प्रोटोकॉल के अधीन शर्तों के साथ होम आइसोलेशन की अनुमति देगी। रोगी और उसके परिवार को होम आइसोलेशन के प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य होगा। हालांकि राज्य सरकार के पास कोविड हॉस्पिटल में पर्याप्त संख्या में कोविड बेड मौजूद हैं। नई व्यवस्था लागू करने के साथ लोगों को किया जाए जागरूक मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा के दौरान कहा कि इस व्यवस्था को लागू करने के साथ-साथ लोगों को कोरोना से बचाव के बारे में सतत जागरूक किया जाए। इस सम्बन्ध में एक व्यापक जागरूकता अभियान संचालित किया जाए। जागरूकता अभियान में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया सहित बैनर, होर्डिंग, पोस्टर तथा पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग किया जाए। उन्होंने मास्क के अनिवार्य रूप से उपयोग तथा शारीरिक दूरी का कड़ाई से पालन कराए जाने के निर्देश भी दिए। आयुष कवच-कोविड एप में दी जानकारी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर इम्युनिटी कोरोना से बचाव के लिए जरूरी है। इस सम्बन्ध में भी जनता को जागरूक किए जाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को ‘आरोग्य सेतु’ एप तथा ‘आयुष कवच-कोविड’ एप को डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। जनता को यह भी बताया जाए कि ‘आयुष कवच-कोविड’ एप में प्रदान की गई जानकारी को अपनाकर प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि की जा सकती है। मेडिकल स्क्रीनिंग से रोगियों को चिह्नित करने में मिल रही सहायता मुख्यमंत्री ने कहा कि डोर-टू-डोर सर्वे एक आवश्यक प्रक्रिया है, जिसके अन्तर्गत मेडिकल स्क्रीनिंग के माध्यम से कोरोना के रोगियों को चिह्नित करने में बड़ी सहायता मिल रही है। उन्होंने इस कार्य को सतत जारी रखे जाने के निर्देश देते हुए कहा कि कोरोना की दृष्टि से संदिग्ध पाए गए व्यक्तियों की रैपिड एन्टीजन टेस्ट के द्वारा जांच की जाए। उन्होंने कहा कि चिकित्सा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के सम्बन्ध में जनपद स्तर पर आईएमए तथा नर्सिंग एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की जाए। लखनऊ सहित 10 जनपदों में भेजी जाएगी चिकित्सकों की विशेष टीम मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कोरोना से होने वाली मृत्यु की दर को न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग प्रभावी कार्यवाही करें। संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग प्रत्येक दशा में की जाए। उन्होंने जनपद लखनऊ, कानपुर नगर, बस्ती, प्रयागराज, बरेली, गोरखपुर, बलिया, झांसी, मुरादाबाद एवं वाराणसी में चिकित्सकों की विशेष टीम भेजने के लिए स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि इन जनपदों के नोडल अधिकारी भी टीम के साथ रहेंगे। चिकित्साकर्मियों को मेडिकल इन्फेक्शन से सुरक्षित करने के किए जाएं उपाय मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड अस्पतालों में सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। एल-1 कोविड चिकित्सालय में ऑक्सीजन तथा एल-2 कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन के साथ वेंटिलेटर की व्यवस्था रहनी चाहिए। कोविड तथा नॉन कोविड चिकित्सालयों के लिए पृथक-पृथक एम्बुलेंस की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि चिकित्सक नियमित रूप से राउण्ड लें तथा पैरामेडिक्स रोगियों की मॉनिटरिंग करें। उन्होंने चिकित्साकर्मियों को मेडिकल इन्फेक्शन से सुरक्षित रखने के लिए इनके ट्रेनिंग कार्य को लगातार संचालित किए जाने के निर्देश दिए। साप्ताहिक बंदी में किए कार्यों की ली जानकारी मुख्यमंत्री ने गत शनिवार एवं रविवार को प्रदेश में संचालित विशेष स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन अभियान में किए गए कार्यों की जानकारी प्राप्त की। इस सम्बन्ध में उन्हें अवगत कराया गया कि यह कार्यक्रम अत्यन्त सफल रहा। इस दौरान ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन के कार्यों के साथ-साथ फॉगिंग तथा एन्टी लार्वा रसायनों का व्यापक स्तर पर छिड़काव कराया गया।
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