भूमि पूजन के साथ साकार हुआ भव्य राम मंदिर का सपना
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 06 अगस्त । मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम की जन्म स्थली पर भव्य मंदिर निर्माण के लिये भूमि पूजन कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश दुनिया के करोड़ों रामभक्तों के सदियों से खुली आंखों से देखे जा रहे सपने को साकार कर दिया। श्री मोदी ने अपने ऐतिहासिक दौरे की शुरूआत हनुमानगढी के दर्शन कर की जिसके बाद उन्होंने श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला के दर्शन किये और आरती उतारी। बाद में प्रधानमंत्री पीले रंग के कुर्ते, सफेद धोती और भगवा गमझा धारण किये भूमि पूजन के लिये चौकी पर विराजे। काशी के प्रकांड तीन विद्धानों ने भूमि पूजन का अनुष्ठान शुरू किया। श्री मोदी को यजमान के तौर पर संकल्प दिलाया गया और गणेश पूजन के साथ भूमि पूजन का कार्यक्रम शुरू हो गया। इस मौके पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राष्ट्रीय स्वयं सेवक प्रमुख मोहन भागवत मौजूद थे। पुरोहितों ने प्रधानमंत्री से विधिवत पूजा अर्चना करायी। इस दौरान चांदी की नौ शिलाओं का पूजन किया गया। करीब 12 बजे शुरू हुआ भूमि पूजन कार्यक्रम करीब 48 मिनट चला। अभिजीत मुहुर्त में भूमि पूजन और शिला पूजन सम्पन्न होने के बाद श्री मोदी ने साक्षात दंडवत कर देश की तरक्की और कोरोना के नाश का वरदान प्रभु श्रीराम से मांगा। भूमि पूजन कार्यक्रम के बाद हर हर महादेव,जय श्रीराम और भारत माता की जय के नारे लगाये गये।
आडवाणी की रथयात्रा में मोदी की थी अहम भूमिका
याद दिलाते चलें कि भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारी के नाते मोदी ने वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी की 1990 में हुई ‘‘राम रथ यात्रा’’ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी जबकि आदित्यनाथ के गुरू स्वर्गीय महंत अवैद्यनाथ ने 1984 में बने साधुओं और हिन्दू संगठनों के समूह की अगुवाई कर मंदिर आंदोलन में अहम योगदान दिया था। मान्यता के अनुसार जहां भगवान राम का जन्म स्थान है वहां मंदिर निर्माण के पक्ष में साल 2019 में सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला देकर हिन्दू और मुस्लिम समूहों के बीच ऐतिहासिक विवाद का कानूनी पटाक्षेप किया वहीं मंदिर निर्माण की शुरुआत हिन्दूत्ववादी भावनाओं को आगे मजबूती देने का काम कर सकती है।
हिंदू संगठनों को एकजुट करने की शुरुआत
भाजपा के एक नेता ने कहा, ‘‘हमारे लिए अयोध्या का मुद्दा बहुत पहले राजनीतिक मुद्दा हुआ करता था। यह हमारे लिए हमेशा से आस्था का मुद्दा रहा है। सभी आम चुनावों में हमारे घोषणा पत्रों में राम मंदिर का निर्माण और धारा 370 को समाप्त करने का वादा हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अब जबकि दोनों वादे पूरे हो गए है, जाहिर तौर पर हम इसकी चर्चा करेंगे।’’ वैसे तो राम मंदिर निर्माण के लिए राम जन्मभूमि आंदोलन की संकल्पना 1984 में दिवगंत अशोक सिंघल के नेतृत्व में विश्व हिन्दू परिषद ने की थी और इसके लिए देश भर में साधुओं और हिन्दू संगठनों को एकजुट करने की शुरुआत हुई थी।
‘राम रथ यात्रा’ के बाद खूब हुई राजनीति
तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष आडवाणी के नेतृत्व में 1990 में शुरू हुई ‘‘राम रथ यात्रा’’ के बाद से यह मुद्दा राजनीतिक हलकों में छाया रहा। इसके बाद भाजपा खुलकर राम मंदिर के समर्थन में आ गई। साल 1989 में पालमपुर में हुए भाजपा के अधिवेशन में पहली बार राम मंदिर निर्माण का संकल्प लिया गया। आडवाणी ने अपनी प्रसिद्ध रथ यात्रा की शुरुआत गुजरात के सोमनाथ मंदिर से की थी। उनकी इस यात्रा को 1990 में प्रधानमंत्री वी पी सिंह के अन्य पिछड़ा वर्गो के आरक्षण के मकसद से शुरू की गई मंडल की राजनीति की काट के रूप में भी देखा जाता है।
आडवाणी की यात्रा ने लोगों का ध्यान खींचा
आडवाणी की यह यात्रा देश के प्रमुख शहरों से होकर गुजरी जिसने लोगों का ध्यान आकृष्ट किया। उनकी इस यात्रा के चलते साम्प्रदायिक भावनाएं भी भड़की और दंगे भी हुए। इन सबके बीच राम मंदिर का आंदोलन जोर पकड़ता गया। विवादित स्थल पर बाबारी मस्जिद के ढांचे को छह दिसम्बर 1992 को गिराए जाने के बाद भाजपा कुछ समय के लिए भारतीय राजनीति में अन्य दलों के लिए अछूत हो गई लेकिन इसके बावजूद उसे सत्ता में आने से नहीं रोका जा सका। राजनीतिक रूप से ‘‘अछूत’’ होने के तमगे को हटाने के लिए भाजपा को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और आडवाणी को धारा 370 और समान नागरिकता संहिता सहित राम मंदिर के मुद्दे को ठंडे बस्ते में डालना पड़ा।
पहले धारा 370 हटाई, फिर राम मंदिर निर्माण
नये सहयोगियों को साधकर 1989 से 2014 के गठबंधन युग में सत्ता में आने के लिए भाजपा के लिए यह आवश्यक था। साल 2014 में मोदी के नेतृत्व में भाजपा के सत्ता में आने के बाद पार्टी ने अपने मूल मुद्दों को लेकर प्रतिबद्धता में दृढ़ता दिखाई। यह पहला मौका था जब 543 सदस्यीय लोकसभा में भाजपा को बहुमत मिला था। इस बार उसके ऊपर सहयोगियो का वैसा दबाव नहीं था जैसा कि वाजपेयी काल में गठबंधन के कारण हुआ करता था। साल 2019 के चुनाव में भाजपा को पहले से भी बड़ा जनादेश मिला। इसके बाद पार्टी नई ऊर्जा से अपने मूल मुद्दों पर आगे बढ़ती दिखी। पहले जम्मू एवं कश्मीर से धारा 370 को निरस्त करना और राम मंदिर के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ना यही दर्शाता है।
‘जय श्रीराम’- चांदी की ईंट और फावड़े से राम मंदिर की नींव…अयोध्या में विराजे ‘रामलला’
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 06 अगस्त आस्था और उत्साह में सराबोर रामभक्तों का सदियों पुराना सपना आज आखिरकार साकार हो ही गया। शंखनाद और घंटे-घड़ियालों की ध्वनि और वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच पौराणिक नगरी अयोध्या में 5 अगस्त 2020 को रामलला विराजे। प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने चांदी की ईंट और चांदी के फावड़े से अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी। भार्द्रपद में शुक्ल पक्ष की द्वितीया को अयोध्या नरेश दशरथ के महल में भगवान विष्णु के अवतार श्रीराम ने मां कौशल्या के गर्भ से जन्म लिया था। भूमि पूजन की माह तिथि श्रीराम के जन्म के समय पर हुई। प्रधानमंत्री द्वारा भूमि पूजन के साथ ही 500 वर्षों की लंबी प्रतीक्षा खत्म हो गई और भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू हुआ। मंदिर को यथार्थ स्वरूप देने में शिल्पकारों को करीब अढ़ाई वर्ष का समय लगने की संभावना है। रामजन्मभूमि परिसर में पीएम मोदी ने पारिजात के पौधे भी लगाए। राम मंदिर का यहां तक का सफर इतना आसान और सुगम नहीं था। इस आंदोलन में कई लोगों ने अपनी आहुति दी है तो कई जेल भी गए और मुकद्दमें झेले लेकिन आखिरकार सच की जीत हुई और आज रामलला वापिस अपनी नगरी में विराजमान हुए। इस ऐतिहासिक घड़ी के लिए अयोध्या को नगरी दुल्हन की तरह सजाया गया। साधु-संतों की अपील पर आज देशभर में लोग दीपावली मनाएंगे। अयोध्या में भी दीपमाला होगी। बाईपास राम पैड़ी से लेकर पूरे नगर को रंग- बिरंगी झालरों और भगवा झंडों से सजाया गया है, जिसकी शोभा देखते ही बन रही है। समूचे पौराणिक नगर को शुभ के प्रतीक पीले रंग से रंगा गया है।
भगवान राम की नगरी ने सभी को एक कर दिया : उमा
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 06 अगस्त । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की फायर ब्रांड नेता एवं अयोध्या में राममंदिर निर्माण आंदोलन की अगुआ नेताओं में एक उमा भारती ने बुधवार को कहा कि भगवान राम की नगरी ने सभी को एक कर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों से आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर के भूमिपूजन में भाग लेने पहुंची मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘अयोध्या ने सभी को एक कर दिया है, अब भारत पूरे विश्व में अपना माथा ऊंचा कर कहेगा कि यहां किसी तरह का भेदभाव नहीं होता है।’
सुश्री भारती ने अयोध्या आने पर ट्वीट कर कहा, ‘मैं मर्यादा पुरुषोत्तम राम की मर्यादा से बँधी हूँ। मुझे राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ अधिकारी ने शिलान्यास स्थल पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया है इसलिए मैं इस कार्यक्रम में उपस्थित रहूँगी।’
अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा ढहाये जाने के मुख्य आरोपियों में एक सुश्री भारती ने हाल ही में इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया था। इस मामले में अन्य मुख्य आरोपियों भाजपा के वरिष्ठतम नेता एवं पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भी ब्यूरो के समक्ष अपना बयान दर्ज करा चुके हैं। उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार 31 अगस्त तक इस मुकदमे का निपटारा किया जाना है।
योगी ने रामभक्तों की ओर से मोदी को कहा राम राम
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 06 अगस्त । रामभक्ति रस में सराबोर अयोध्या में उत्सव के माहौल के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को रामजन्मभूमि परिसर में पहुंच कर भूमि पूजन की तैयारियों का जायजा लिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 1130 बजे यहां साकेत डिग्री कालेज में बने अस्थायी हैलीपेड पर उतरेंगे और भूमि पूजन के साथ भव्य राम मंदिर की आधारशिला रखेंगे।
अयोध्या के लिये निकलने से पहले श्री योगी ने मेजबान की भूमिका का बखूबी निर्वहन करते हुये एक के बाद एक दो ट्वीट कर राम मंदिर के प्रति अपने उल्लास का इजहार रामचरित मानस के दोहो से किया। उन्होने लिखा ‘ प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदयँ राखि कोसलपुर राजा।। श्री अवधपुरी में दशरथ नंदन श्रीरामलला के भव्य-दिव्य मंदिर निर्माण की बहुप्रतीक्षित अभिलाषा को पूर्ण करने हेतु उत्तर प्रदेश की पावन धरा पर पधार रहे आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को समस्त राम भक्तों की ओर से राम-राम।’
एक अन्य ट्वीट में उन्होने कहा ‘ जासु बिरहँ सोचहु दिन राती। रटहु निरंतर गुन गन पाँती॥ रघुकुल तिलक सुजन सुखदाता। आयउ कुसल देव मुनि त्राता।। प्रिय राम भक्तों, आपका अभिनंदन, आपको बधाई। जय श्री राम।’
गौरतलब है कि भूमि पूजन कार्यक्रम को निर्विघ्न और भव्य तरीके से सम्पन्न कराने के लिये श्री योगी निजी रूप से पल पल की जानकारी लेते रहे हैं। पिछले पांच दिनों में उन्होने तीन बार अयोध्या का दौरा किया है और तैयारियों को बारीकी से परखा है। मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश के लोगों से दो दिन दीपोत्सव मनाने की अपील की थी। भूमि पूजन की पूर्व संध्या पर मंगलवार को अयोध्या को तीन लाख 51 हजार दीपों से रोशन किया गया था। श्री योगी ने लखनऊ में अपने सरकारी आवास को दीपों से सजाया था और फुलझड़ी और अनार जलाये थे।
क्या कहा प्रियंका गांधी ने?
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा कि भगवान राम सबमें हैं और सबके हैं तथा ऐसे में पांच अगस्त को अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए होने जा रहा भूमि पूजन राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का कार्यक्रम बनना चाहिए। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका ने एक बयान में कहा, ‘‘युग-युगांतर से भगवान राम का चरित्र भारतीय भूभाग में मानवता को जोड़ने का सूत्र रहा है। भगवान राम आश्रय हैं और त्याग भी। राम सबरी के हैं, सुग्रीव के भी। राम वाल्मीकि के हैं और भास के भी। राम कंबन के हैं और एषुत्तच्छन के भी। राम कबीर के हैं, तुलसीदास के हैं, रैदास के हैं। सबके दाता राम हैं।’’ इससे पहले, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने भी राम मंदिर का स्वागत किया। भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा कि शिलान्यास समारोह के मद्देनजर अब ‘‘मानसिक रूप से दिवालिए धर्मनिरपेक्ष’’ नेता अचानक भगवान राम के प्रति श्रद्धा जता रहे हैं। उन्हें यह याद दिलाना जरूरी है कि भाजपा ही एकमात्र राजनीतिक दल है जिसके लिए भव्य राम मंदिर का निर्माण आस्था का विषय रहा है।
राममंदिर निर्माण का काफी कुछ श्रेय उच्चतम न्यायालय कोः मायावती
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 06 अगस्त । बहुजन समाज पार्टी(बसपा) अध्यक्ष मायावती ने मंदिर निर्माण का श्रेय उच्चतम न्यायालय को देते हुए कहा कि अयोध्या विभिन्न धर्मों की पवित्र नगरी व स्थली है।
उन्होंने कहा कि आज राम मंदिर निर्माण की नींव रखी जा रही है, जिसका काफी कुछ श्रेय उच्चतम न्यायालय को जाता है। बसपा को शुरू से ही यह कहना रहा है कि उच्चतम न्यायालय जो फैसला देगी उसे हमारी पार्टी स्वीकार करेगी।
सुश्री मायावती ट्वीटकर कहा ‘ लेकिन इसका माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अन्त किया। साथ ही, इसकी आड़ में राजनीति कर रही पार्टियों पर भी काफी कुछ विराम लगाया। मा. कोर्ट के फैसले के तहत ही आज यहाँ राम-मंदिर निर्माण की नींव रखी जा रही है, जिसका काफी कुछ श्रेय मा. सुप्रीम कोर्ट को ही जाता है।’
उन्होंने कहा ‘जबकि इस मामले में बी.एस.पी का शुरू से ही यह कहना रहा है कि इस प्रकरण को लेकर माननीय सुप्रीम कोर्ट, जो भी फैसला देगा, उसे हमारी पार्टी स्वीकार करेगी। जिसे अब सभी को भी स्वीकार कर लेना चाहिये। बी.एस.पी की यही सलाह है। ‘
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि ‘ जैसाकि सर्वविदित है कि अयोध्या विभिन्न धर्मों की पवित्र नगरी व स्थली है। लेकिन दुःख की बात यह है कि यह स्थल राम-मन्दिर व बाबरी-मस्जिद जमीन विवाद को लेकर काफी वर्षों तक विवादों में भी रहा है।’
केजरीवाल ने राम मंदिर के भूमिपूजन पर देशवासियों को दी बधाई
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 06 अगस्त । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को अयोध्या में भव्य राममंदिर के भूमिपूजन पर देशवासियों को बधाई देते हुए भारत के विश्व में सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बनने की कामना की है। श्री केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आज अयोध्या में भूमिपूजन से पहले ट्वीट किया, भूमि पूजन के मौके पर पूरे देश को बधाई भगवान राम का आशीर्वाद हम पर बना रहे। उनके आशीर्वाद से हमारे देश को भुखमरी, अशिक्षा और गरीबी से मुक्ति मिले और भारत दुनिया का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बने। आने वाले समय में भारत दुनिया को दिशा दे। जय श्री राम! जय बजरंग बली!’
पीएम मोदी ने लगाया है जो परिजात का पौधा उसको धरती पर लेकर आए थे श्री कृष्ण, लक्ष्मी को है प्रिय
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 06 अगस्त । भारत के 130 करोड़ से अधिक लोगों के लिए बुधवार 5 अगस्त का दिन बेहद खास बन गया है। खास इसलिए क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अयोध्या में पीएम नरेंद्र मोदी श्री राम के भव्य और विशाल मंदिर की आधारशिला रखने के लिए भूमि पूजन संपन्न किया दुल्हन की तरह सजाई गई अयोध्या की रंगत बेहद खास है। बीती रात यहां पर लाखों दीप प्रज्वलित कर दीपावली मनाई गई थी। आज के इस खास और पावन अवसर पर कई गणमान्य लोग इस पल के साक्षी बने हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के प्रांगण में पारिजात का पौधा भी लगाया है। ये पौधा कोई सामान्य पौधा नहीं है। इस पौधे के बारे में कहा जाता है कि पारिजात वृक्ष को देवराज इंद्र ने स्वर्ग में लगाया था। इस पर आने वाले सफेद फूल सफेद रंग के फूल आते हैं जो छोटे होते हैं। इस पर आने वाले फूल भी अन्य फूलों से अलग होते हैं। ये फूल रात में खिलते हैं और सुबह पेड़ से खुद ही ही झड़ कर नीचे गिर जाते हैं। आपको बता दें कि परिजात पौधे पर आना वाला फूल पश्चिम बंगाल का राजकीय पुष्प भी है।
इस वृक्ष को लेकर हिंदू धर्म में कई तरह की मान्यताएं हैं। इनके मुताबिक धन की देवी लक्ष्मी को पारिजात के फूल बेहद प्रिय हैं। मान्यता ये भी है कि लक्ष्मी की पूजा करने के दौरान यदि उन्हें ये फूल चढ़ाए जाएं तो वो बेहद प्रसन्न होती हैं। लेकिन पूजा के लिए परिजात के लिए उन्हीं फूलों का इस्तेमाल किया जाता है जो खुद ही झड़कर नीचे जमीन पर गिर जाते हैं। इन फूलों को पेड़ से तोड़कर पूजा में नहीं चढ़ाया जाता है। पीएम मोदी आज अयोध्या में दो से तीन घंटे तक रहेंगे। इस दौरान उन्होंने परिजात का पौधा लगाकर इस नगर और यहां पर बनने वाले श्री राम के भव्य मंदिर की अहममियत को भी स्पष्ट किया है।
हिंदू मान्यताओं के मुताबिक परिजात के पौधे के फूलों से भगवान हरि का श्रृंगार भी होता है। कहा जाता है कि द्वापर युग में स्वर्ग से देवी सत्यभामा के लिए भगवान श्रीकृष्ण इस पौधे को धरती पर लाए थे। यह देव वृक्ष है जो समुद्र मंथन से उत्पन्न हुआ था। 14 रत्नों में यह एक विशिष्ट रत्न रहा है। कहा जाता था कि इस पेड़ को छूने मात्र से इंद्रलोक की अपसरा उर्वशी की थकान मिट जाती थी। पारिजात धाम आस्था का केंद्र है। सावन माह में यहां श्रद्धालुओं का मेला लगता है। महाशिवरात्रि व्रत पर यहां कई जिलों से श्रद्धालु जल चढ़ाने पहुंचते हैं।
यह औषधिय पौधा हिमालय के नीचे के तराई वाले क्षेत्रों में पाया जाता है। पारिजात का पेड़ 10 से 15 फीट ऊंचा होता है। हालांकि कहीं-कहीं इसकी ऊंचाई 25 से 30 फीट भी होती है। आपको बता दें कि परिजात की तरह ही यहां पर बनने वाले श्री राम मंदिर की अपनी एक खास अहमियत है। आज के इस दिन को लेकर सोशल मीडिया पर लोग सभी देशवासियों को इस दिन के लिए बधाई दे रहे हैं।
राम से अयोध्यावासियों को रोजगार की संभावना
अंतिम प्रवक्ता नई दिल्ली 06 अगस्त । अयोध्या में राममंदिर के लिए आज भूमि पूजन होने जा रहा है। इसे लेकर अयोध्यावासी बहुत हर्षित हो रहे हैं। उनकी पूरी सम्भवना है कि राम ही उन्हें रोजगार दिलाएंगे। अयोध्या में बड़ी कुटिया के दुकानदार इश्तियाक का कहना है, ‘सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद विवाद खत्म हो गया।
अब यहां के लोगों को राम से आस है कि वही इन्हें रोजगार दिलाएंगे। वर्षो का विवाद था अब वह खत्म हो गया है। अभी तक यहां पर राजनीतिक दलों ने मंदिर-मस्जिद के नाम फर फूट डालने का काम किया लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाए, यहां पर आपस मे भाईचारा है। अब बस राम मंदिर बनने से पर्यटन बढ़ेगा। लोगों को रोजी मिलेगी। प्रधानमंत्री के आने से अयोध्यावासी बहुत खुश हैं।
अयोध्या की रहने वाली लीलावती कहती हैं कि कोरोना महामारी ने थोड़ा उत्सव का रंग फीका कर दिया है। लेकिन फिर भी जितना हो रहा है वो सब अयोध्या के विकास के लिए हो रहा है। राममंदिर बनने की बहुत खुशी है। कम से कम इतने सालों से चल रहा विवाद का अंत हो गया।
वहीं कृष्णकुमार ने कहा, ‘अयोध्या में हमारी आंखों के सामने मंदिर बनने जा रहा है। एक बड़े विवाद का अंत हो गया। जिसके कारण पूरे विश्व पटल पर अयोध्या के लोगों का नाम खराब होता था, कम से कम वह खत्म हो गया। प्रधानमंत्री आ रहे हैं । यहां के लिए बहुत कुछ दे जाएंगे। अब यहां कोई विवाद बचा नहीं है।
वहीं यहां के एक निवासी सुग्गु ने कहा कि अयोध्या पुराना विवाद निपट गया। राम जी का भव्य मंदिर बनने जा रहा है। हम लोगो को राम जी आशा है कि वो सभी को रोजगार दिलवाएंगे। सुप्रीम कोर्ट के 9 नवंबर को फैसले से राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया था, जिसके बाद यहां लोग मंदिर निर्माण शुरू होने की प्रतीक्षा कर रहे थे और अब वह घड़ी आ जाने अयोध्यावासियों काफी हर्षित हैं।
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